सवा लाख दीयों की रोशनी से जगमगा उठा नारायणी नदी का किनारा

 




–ऋषि एवं संत परंपरा को आगे बढ़ा रहा सामाजिक कुंभ - सुरजीत

कुशीनगर, 07 फरवरी(हि.स.)। कुशीनगर के पनियहवा स्थित नारायणी नदी का किनारा बुधवार देर शाम सवा लाख दीयों की रोशनी से जगमग हो उठा। अवसर सामाजिक कुंभ के तीन दिवसीय कार्यक्रम के शुभारंभ का था।

कुंभ स्थल पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत प्रचारक सुरजीत ने कुंभ स्नान कार्यक्रम की विधि-विधान से शुभारंभ किया। मां नारायणी के उद्घोष से पूरा कुंभ क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। कार्यक्रम संयोजक मनोज पाण्डेय ने सभी संतों, आचार्यों एवं कार्यकर्ताओं का अभिनंदन एवं आभार व्यक्त किया।

मुख्य अतिथि सहित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत संगठन मंत्री हरदेव ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापना एवं दीप प्रज्ज्वलित तथा नारायणी मां के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए कुंभ कार्यक्रम की विधिवत शुभारंभ किया। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सह प्रांत प्रचारक सुरजीत ने कहा कि मां नारायणी सामाजिक कुंभ द्वारा नारायणी माता के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने का जो संकल्प लिया है,वह अविस्मरणीय है।

उन्होंने कहा कि यह आयोजन संत एवं सनातन ऋषि परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। नारायणी की सेवा साक्षात नारायण की सेवा है। भारत शब्द का अर्थ ज्ञान में रत रहना, कुंभ का यह कार्यक्रम धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पौराणिक विकास के साथ ही क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

संयोजक मनोज पांडेय ने कहा कि कुंभ के दूसरे दिन दूसरे सत्र में गुरूवार को मां नारायणी लोक सम्मान का वितरण व संत समाज का उद्बोधन सहित महाभण्डारा एवं महाआरती के कार्यक्रम होंगे। उद्घाटन सत्र के बाद शाम को नारायणी तट पर उपस्थित स्कूली बच्चों एव स्वयंसेवकों द्वारा सवा लाख दीप प्रज्ज्वलित किया गया। दीपों की आकर्षक रोशनी से नदी तट जगमगा उठा। इसके बाद बनारस से पहुंचे विद्वान आचार्यों द्वारा नारायणी मां की भव्य आरती व शंख ध्वनि से पूरा कुंभ परिक्षेत्र भक्तिमय हो गया।

इस अवसर पर सिद्ध पीठ बगही धाम के महंथ और कार्यक्रम अध्यक्ष विश्वमंभर दास महराज, डाक्टर सत्येन्द्र गिरी, त्यागी जी, कार्यक्रम प्रमुख प्रवीण गुंजन, पं.ब्रहमदेव तिवारी, सुनील यादव, रोशन लाल भारती, प्रभाकर पांडेय, अजय साहनी, रमेश निषाद, राकेश निषाद सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

हिंदुस्थान समाचार/गोपाल/राजेश