वर्टिकल फार्मिंग पर अनुसंधान करेगा कुशीनगर का कृषि विश्वविद्यालय

 




– बढ़ेगी उपज, किसानों को होगा लाभ

कुशीनगर,10 मार्च (हि.स .)। महात्मा बुद्ध कृषि विश्विद्यालय कुशीनगर उच्च स्तर की प्रौद्योगिकी से लैस होगा। विश्विद्यालय अध्ययन के साथ शोध को बढ़ावा देने का कार्य करेगा। यहां के वैज्ञानिक और छात्र वर्टिकल फार्मिंग के विभिन्न आयाम पर शोध कर सकेंगे। हाइड्रोपोनिक्स, एक्वापोनिक्स और एयरोपोनिक्स यानी मिट्टी रहित खेती, फसल चक्र प्रणाली,समन्वित फसल प्रणाली और संरक्षित खेती वर्टिकल फार्मिंग के आयाम हैं।

दुनिया भर के कृषि विश्विद्यालय के वैज्ञानिक बढ़ती आबादी और कम होते कृषि क्षेत्रफल से चिंतित है और वर्टिकल फार्मिंग पर शोध को बढ़ावा दे रहे हैं। नवीन विश्विद्यालय की स्थापना इस तथ्य को ध्यान में रखकर हो रही है।

रविवार को विश्विद्यालय की आधारशिला रखने के बाद सभा मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा भी कि पूर्वांचल के किसान मेहनती है और भूमि भी उर्वर है। सरकार ने होली के अवसर पर किसानों को विश्विद्यालय के रूप में उन्नत प्रौद्योगिकी का उपहार दिया है।

कार्यक्रम में मौजूद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.वैभव कुमार सिंह बताते हैं कि पूर्वांचल का क्षेत्र बहुत उपजाऊ है, किंतु उत्पादन नहीं है। नई तकनीकी का समावेश होगा तो उत्पादन बढ़ जाएगा। पूर्वांचल की मिट्टी और जलवायु के अनुसार , छोटी जोत समेत किसान समस्याओं और हित को ध्यान में रखकर योजनाएं बनेंगी।जिससे लाभ उत्पादन में दिखेगा। पूर्वांचल देश के खाद्यान्न उत्पादन में बड़ी भागीदारी निभाएगा।

पंजाब की अपेक्षा पूर्वांचल की उपज 40 प्रतिशत कम: कृषि वैज्ञानिक डा.वैभव के अनुसार हरियाणा और पंजाब की अपेक्षा पूर्वांचल का कृषि उत्पादन 40 प्रतिशत कम है। इसका बड़ा कारण इस क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी के हिसाब से बीज का विकास अनुसंधान का नही होना है। विश्विद्यालय के खुलने से कृषि अनुसंधान क्षेत्र बढ़ेंगे। किसान शोध के नतीजे अपनायेंगे तो उपज बढ़ेगी। धान गेंहू के साथ साथ फसल चक्र प्रणाली अपनाकर कैश क्राप उपज भी ले सकेंगे। मुख्यमंत्री ने सभा में यही संदेश दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/गोपाल/बृजनंदन