जाने करवा चौथ का चांद देखने को वैज्ञानिक समय
कानपुर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। करवा चौथ इस वर्ष एक नवंबर दिन बुधवार को व्रत रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक शाम 5 बजकर 36 मिनट से शाम 6 बजकर 45 मिनट तक है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि करवा चौथ का चांद रात 8 बजकर 15 मिनट पर निकलेगा। हालांकि शहर के हिसाब से कुछ मिनट का बदलाव हो सकता है। यह रविवार को जानकारी चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ.एस.एन.सुनील पांडेय ने दी।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष एक नवंबर दिन बुधवार को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। हालांकि भारतीय पंचांग के मुताबिक करवा चौथ की तिथि 31 अक्टूबर दिन मंगलवार रात्रि 9.30 से शुरू हो जाएगी और एक नवंबर को चंद्र दर्शन के बाद रात 9 बजकर 10 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। पूजा का शुभ समय एक नवंबर की शाम 5.45 मिनट से लेकर 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगा।
करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं और पूरे दिन निर्जला रखा जाता है। रात के समय चांद देखकर व्रत का पारण किया जाता है। करवा चौथ के दिन शादीशुदा महिलाएं 16 शृंगार कर सजती संवरती हैं और रात में चांद निकलने के बाद चंद्रमा की पूजा कर चाँद को जल देकर और अपने पति का मुख छलनी से देखकर अपना व्रत खोलती हैं ।
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के जीवन में बहुत महत्व रखता है। यह व्रत शादीशुदा महिलाओं के दांपत्य जीवन में खुशियां भरता है। इस दिन सास अपनी बहू को सरगी देती है, जिससे सुबह सूर्योदय से पहले खाया जाता है, करवा चौथ के व्रत में सरगी का बहुत महत्व है। इसके बिना करवा चौथ का व्रत पूरा नहीं माना जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार/ राम बहादुर/सियाराम