पच्चीस वर्ष बाद हत्यारोपियों को मिला आजीवन कारावास

 


--एक-एक लाख रूपये अर्थदण्ड, लेकिन अभी भी भय का माहौल

प्रयागराज, 09 जनवरी (हि.स.)। जनपद न्यायालय के अधिवक्ता गौरी शंकर मिश्र ने शासन-प्रशासन से मांग किया है कि उनके पिता दामोदर प्रसाद मिश्र की हत्या मामले में 03 जनवरी 2024 को सभी आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई। लेकिन उनके परिजनों से अभी भी जान का खतरा बना हुआ है।

जनपद के गंगापार सोरांव क्षेत्र के लेहरा गांव निवासी अधिवक्ता श्री मिश्र ने बताया कि उनके पिता धार्मिक प्रवृत्ति के थे। घटना के दिन 30 मई, 1998 को वह गंगा स्नान कर घर वापस आ रहे थे कि हत्यारों ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। अपर जिला जज सिद्धार्थ कुमार बाजवा एडीजे 8 की अदालत में मुकदमा लम्बित था। मुकदमा अपराध संख्या 274/1998 के वाद में धारा 302 के मुल्जिमों कमला कान्त त्रिपाठी, ऋषिकेश त्रिपाठी एवं श्याम कृष्ण त्रिपाठी को आजीवन कारावास एवं एक-एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

अधिवक्ता श्री मिश्र ने न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय पर संतोष व्यक्त करते हुए बताया कि दुर्दान्त हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा हो गयी है। 25 वर्षों बाद आये निर्णय से उन्हें संतोष है। लेकिन अभी भी उनके परिवारी जनों को कुछ अज्ञात लोगों द्वारा धमकी दी जा रही है। ऐसे में यदि शासन प्रशासन ने मामले को गम्भीरता से नहीं लिया तो यह हत्यारोपी अपराध की किसी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/पदुम नारायण