चिकित्सा को सेवा के रूप में अपनाएं नव चिकित्सक: आनंदीबेन पटेल

 






लखनऊ, 20 दिसम्बर (हि.स.)। प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में शनिवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ का 21वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ एवं पदक प्रदान किए। राज्यपाल ने नव चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज वे जिस डिग्री, उपाधि और सम्मान को प्राप्त कर रहे हैं, वह केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि समाज के प्रति एक गंभीर नैतिक दायित्व का उद्घोष है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा की पूर्णता तभी है, जब वह करुणा, संवेदना और सेवा भाव से जुड़कर मानवता के कल्याण का माध्यम बने। राज्यपाल ने अपेक्षा व्यक्त की कि नव चिकित्सक अपने पेशेवर जीवन में उत्कृष्टता, ईमानदारी और समर्पण को मूल मंत्र बनाएं तथा चिकित्सा को सेवा के रूप में अपनाएं।

राज्यपाल ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय को उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश का एक गौरवशाली और प्राचीनतम चिकित्सा संस्थान बताते हुए कहा कि यह संस्थान ज्ञान, सेवा और करुणा की अखंड परम्परा का प्रतीक है। इस परिसर से निकले असंख्य शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों ने राज्य, राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। ऐसे प्रतिष्ठित संस्थान का हिस्सा होना विद्यार्थियों के लिए सौभाग्य और गर्व का विषय है।

राज्यपाल ने युवा चिकित्सकों से अपेक्षा की कि वे अपनी भूमिका को केवल उपचार तक सीमित न रखें, बल्कि रोगी की सम्पूर्ण चिकित्सा-इतिहास का सावधानीपूर्वक संकलन करें, क्योंकि यही इतिहास भविष्य के शोध, बेहतर उपचार पद्धतियों और प्रभावी नीति-निर्माण की आधारशिला बनता है। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि भारत अपने अनुभवों, सीख और सर्वाेत्तम चिकित्सा प्रथाओं को विश्व के साथ साझा करे, क्योंकि सेवा की कोई सीमा नहीं होती और करुणा की कोई भाषा नहीं। यदि भारत स्वस्थ है, तो विश्व अधिक सुरक्षित है, और यदि भारत अनुभव साझा करता है, तो संपूर्ण मानवता समृद्ध होती है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की सभी उपाधियों को डिजिलॉकर में अपलोड किया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव के विद्यालयों के विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसकी राज्यपाल ने सराहना करते हुए बच्चों को चॉकलेट प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया। इसके साथ ही, विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को राज्यपाल ने पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया तथा विद्यालयों की लाइब्रेरी के लिए राजभवन की ओर से पुस्तकें भेंट कीं। समारोह के दौरान राज्यपाल द्वारा प्रोफेसर अजय कुमार सूद को डी.एससी. (मानद उपाधि) से सम्मानित किया गया।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए सभी विद्यार्थियों को उपाधि प्राप्त करने पर हार्दिक बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने विद्यार्थियों से अपने ज्ञान, कौशल और नवाचार के माध्यम से चिकित्सा एवं शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने का आह्वान किया तथा कहा कि नव चिकित्सकों की भूमिका राष्ट्र के स्वास्थ्य और विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय की कुलपति पद्मश्री प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद ने विश्वविद्यालय की संक्षिप्त प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की प्रति-कुलपति प्रोफेसर अपजीत कौर, विश्वविद्यालय के कार्य परिषद एवं विद्यापरिषद के सदस्य, समस्त संकाय अध्यक्ष, विद्यार्थी, स्कूली बच्चे, अतिथि गण तथा अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन