राह के सारे पत्थर सुमन हो गए
बाराबंकी, 27 दिसंबर (हि.स.)। महादेवा तीर्थ स्थल पर तीन दिवसीय अटल जन्म शताब्दी समारोह में कवि सम्मेलन हुआ। बड़े दिनों बाद बालीबाल व कबड्डी प्रतियोगिताओं में जहां स्थानीय प्रतिभाओं ने हिस्सा लेकर नाम रोशन किया, वहीं काव्यांजलि में देश के बड़े कवियों ने काव्य पाठ कर चार चांद लगाए।आयोजक किसान मोर्चा भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ अवस्थी ने खिलाड़ियों को ट्राफी व पुरस्कार राशि व कवियों को अंगवस्त्रम से सम्मानित किया। वालीबाल और कबड्डी का विजेता महादेवा बना। कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध कवि लोकेश त्रिपाठी ने जहां अपनी रचना ओढ़ कर राम नामी निकल जो गया, राह के सारे पत्थर सुमन हो गए सुनाकर भगवान राम की भक्ति में डुबो दिया, वहीं पंडित राम किशोर ने जब आओ मिलकर पुकारें यही एक स्वर लोधेश्वर लोधेश्वर तेरी जय लोधेश्वर कविता पढ़ी तो लोग भोले की भक्ति में खो गए। कवि रवि रुद्रांश ने जब पढ़ा -जिनके पद चिन्हों पर चलकर हम घोषित हुए सिकंदर हैं तो खूब तालियां बजीं। डाॅ. ओम शर्मा ओम ने सुनाया अटल जी राम के संग दिल में हिन्दुस्तान रखते थे तो लोग वाह-वाह कर उठे। डाॅ. आलोक शुक्ला का मैं आखिरी पड़ाव हूं गीत खूब सराहा गया। इसके अलावा कवि जगन्नाथ निर्दोष,ज्ञान प्रकाश आकुल,शर्मेश शर्मा ,ईशा मिश्रा,मनोज शीत आदि कवियों ने भी काव्य पाठ किया।मंडल अध्यक्ष भाजपा अमित सिंह,प्रधान राजन तिवारी,शीतला बाजपेई,पूर्व मंडल अध्यक्ष अशोक शुक्ला,श्रवण कुमार शुक्ला व आकाश त्रिपाठी आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता पुजारी दशरथ ने की।
हिन्दुस्थान समाचार / पंकज कुमार चतुवेर्दी