कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने नदियों के तटों पर लगाई डुबकी

 


लखनऊ, 27 नवम्बर(हि.स.)। कार्तिक पूर्णिमा के पर्व पर उत्तर प्रदेश में नदियों के तटों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सोमवार को सैलाब उमड़ा। श्रद्धालुओं ने शासन-प्रशासन द्वारा घाटों पर किए गए चाक-चौबंद व्यवस्थाओं के बीच स्नान कर सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की। मोक्षदायिनी मां गंगा के गुजरने वाले स्थानों और घाटों पर भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई थी। वाराणसी काशी, प्रयागराज संगम, अयोध्या में सरयू और इटावा में पंचनद नदियों समेत सभी छोटी-बड़ी नदियों के घाटों पर पूरी आस्था के साथ श्रद्धालुओं की नदियों में डुबकी लगाने और दीपदान, पूजन का दौर जारी है।

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा श्रद्धालुओं के लिए नदियों में स्नान, पूजन समेत मेला आदि लगाए जाने को लेकर विशेष प्रबंधन किए गए थे। काशी में गंगा तट के अस्सी, भदैनी, प्राचीन दशाश्वमेधघाट, शीतला घाट, अहिल्याबाई घाट, पंचगंगा घाट, केदार घाट, खिड़किया घाट और भैंसासुर घाट पर श्रद्धालुओं की उमड़ने वाली भीड़ देखते हुए प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम देखते ही बन रहे थे। यहां पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और पूजा अर्चना की। यह दौर लगातार आज भोर से जारी है।

इसी तरह प्रयागराज संगम में स्नान पूजन के लिए लोगों की भीड़ पहुंची। श्रद्धालुओं ने पूर्ण आस्था के साथ संगम में डुबकी लगाई और दीपदान कर पूजा अर्चना की। उधर अयोध्या में सरयू के तटों पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर घाटों पर लाखों की भीड़ पहुंची। पवित्र सरयू नदी में श्रद्धालुओं ने स्नान कर पूजा अर्चना की।

इटावा-औरैया में पचनद के तट पर कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर लोगों का रैला स्नान को उमड़ पड़ा। पूरी आस्था के साथ लोगों ने पांच नदियों के इस अद्भुत संगम के घाटों पर आस्था की डुबकी लगाकर दीपदान किया। यहां पर लगे मेला में लोगों द्वारा आनंद लेने का दौर लगातार सुबह से जारी है।

फर्रूखाबाद रामनगरिया में नदी किनारे घाटों पर लोगों ने पूरी श्रद्धा के साथ गंगा में स्नान किया और पूजा अर्चना की। कानपुर छोटी काशी में गंगा के तटों पर श्रद्धालुओं की सैलाब उमड़ा। कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर प्रदेश की सभी नदियों के तटों पर आस्था का यह दृश्य और पूजा अर्चना कर दौरा लगातार जारी है। बड़ी संख्या में गंगा तटों पर लगे मेला का भी पूजा अर्चना के बाद लोगों द्वारा आनंद लिया जा रहा है। इस दौरान बच्चे, महिलाएं और बुजुर्गों के साथ हर आयु वर्ग के लोगों के चेहरे पर शासन-प्रशासन द्वारा किए गए इंतजामों को लेकर सराहना की जा रही है।

गंगा समग्र अभियान से जुड़े राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि गंगा में पौराणिक परम्परा के अनुसार गंगा व अन्य नदियों में स्नान का महत्व आस्था से जुड़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नदियों को लेकर चलाए गए स्वाच्छता और साफ सफाई के चलते स्थिति बदल गई है। अब इस अविरल गंगा ही नहीं अन्य नदियों के प्रति आस्था की तस्वीर बदली है और इसका ही परिणाम है कि लगातार श्रद्धालुओं की संख्या कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान को लेकर बढ़ती जा रही है। आज गंगा हो, संगम, पचनद, सरयू सहित प्रदेश की सभी छोटी-बड़ी नदियों में स्वच्छ और अविरल धारा के लिए जानी जाती हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/मोहित/बृजनंदन