कन्नौज: अधिक कुपोषण वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर सर्वे कराने के निर्देश
कन्नौज, 17 नवम्बर (हि. स.)। जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल ने कलेक्ट्रेट के गांधी सभागार में जिला पोषण समिति की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि परियोजना पोषण ट्रेकर पर आधार वैरीफाई कुल 204288 लाभार्थियो के सापेक्ष 203795 लाभार्थियो का हुआ है, शेष 493 आधार पेडिंग में है जिसे समय से कराया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि पोषण ट्रैकर पर आधार अनवैरिफाई 213 रह गये है और 288 एरर दिख रहे हैं तथा मोबाइल नम्बर सत्यापन 102421 का होना है जिसे शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण कर लिया जाये। इसमें किसी प्रकार की हीलाहवाली न की जाये, अन्यथा संबंधित की जिम्मेदारी तय की जायेगी।
जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिये कि सीडीपीओ, सुपरवाइजर, आंगनवाडी सहायिका की टीम बनाकर जिस ग्राम में ज्यादा संख्या में सैम बच्चे पाये जा रहे है, उस ग्राम का डोर टू डोर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराना सुनिश्चित करे।उन्होंने कहा कि बच्चों का चिन्हांकन कर लंबाई, वजन, स्वास्थ्य परीक्षण आदि सही से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन सैम व मैम बच्चो का वजन कम है उन्हे सरकारी अस्पताल में 14 दिनो के लिये भर्ती कराकर स्वास्थ्य चिकित्सा मुहैया करायी जाये। वजन बढ़ने पर ही डिस्चार्ज किया जाये। उन्होंने कहा कि अच्छे भाव से मन लगाकर कार्य करें, जिससे बच्चो का भविष्य संवर जाये। कहा कि 155 नानकोलोटेड आगनवाड़ी केन्द्र संचालित है, जिसमें कन्वर्जन कास्ट, बच्चो की उपस्थित, राशन की उपलब्धता, खाता खुलने की स्थिति आदि की रिपार्ट माह वाइज सूचना दें। भोजन बनाने की जगह चिन्हित करें और बर्तनो की उपलब्धता होनी चाहिये। इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही न की जाये। वास्तविकता के आधार पर ही कार्य करें।
श्री शुक्ल ने कहा कि आंगनवाडी केन्द्र से समन्वय स्थापित कर 11 से 14 वर्ष की किशोरियों को जो विद्यालय नही जाती है उन्हें चिन्हित कर आयरन सप्लीमेंट की किट उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच कर दवाये/ पोषाहार उपलब्ध कराये जिससे होने वाला बच्चा कुपोषण मुक्त हो। परियोजना पोषण ट्रैकर पर आधार जो एरर आ रहे हैं उन्हें डिलीट कर एक सप्ताह के अंदर नए सिरे से आधार कार्ड बनाए जाएं। जहां-जहां कुपोषण अधिक है सर्वे कराया जाए, निश्चित रूप से बच्चे मिलेगें। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया जाये। उन्होनें ई-कवच पर शत-प्रतिशत फीडिंग कराने के निर्देश दिये। कहा कि ई-कवच और पोषण ट्रेकर का डाटा मैचिंग होना चाहिये। जब आरबीएसके की टीम स्वास्थ्य परीक्षण हेतु केन्द्र पर आए तो बच्चों की उपस्थिति 80 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए। बाल पिटारा एप पर शत-प्रतिशत फीडिंग होनी चाहिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आर0एन0 सिह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / संजीव झा।/बृजनंदन