कैसा रहा बजट जानिए...शहरवासियों की ज़ुबांनी
बरेली, 1 फरवरी (हि.स.) । लोकसभा चुनाव सें पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया। बजट को लेकर सुबह से ही लोगों की चर्चाएं जोरों पर थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अपना बजट पेश किया। भाषण में कहा गया कि पिछले 10 वर्षों में सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सारे कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा गरीबों महिलाओं, युवाओं और किसानों की आवश्यकताएं, आकांक्षाएं हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा सरकार मध्यमवर्गीय लोगों के लिए भी जल्द आवासीय योजना लाएगी। वही बरेली शहर में भी बजट को लेकर नेताओं और लोगों की अलग-अलग राय सामने आ रही है। आइए बताते हैं बजट को लेकर किसने क्या कहा।
1- पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद संतोष गंगवार ने कहा यह बजट विकसित भारत की दिशा में कदम रखने का हैं। किसान और सभी वर्गों को मजबूत करने के लिये इस बजट ने काम किया है। यह बजट देश की जनता की चिंता को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री ने पेश किया है निश्चित भारत की नींव 2047 में रखी गई है।
2- समाजवादी प्रवक्ता मयंक शुक्ला मोंटी ने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ आंकड़ो की बाज़ीगरी में लगी हुई है। केंद्र सरकार का यह विदाई बजट है निराशापूर्ण बजट को दर्शाता है।राष्ट्रीय कर्ज़ बढ़ा है, 2014 में कर्ज़ 55 लाख करोड़ था। अब 175 लाख करोड़ के करीब पहुंच चुका है। 2016 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने का वादा भी पूरा नहीं किया गया। जब रोजगार ही नहीं तो युवा को इनकम टैक्स की स्लैब बढ़ने से क्या फायदा होगा ये बजट समझ से परे है।
3-ज़िला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मिर्ज़ा अशफ़ाक़ सकलैनी ने कहा संसद में पेश हुआ बजट आम लोगों के लिए न होकर पूंजीपतियों के फायदे के लिए है। इस बजट में बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं है।पेट्रोल,डीजल,गैस के दामों में कोई कमी नहीं की गई है, यह बजट भी हर साल पेश होने वाले बजट की तरह हैं। यह सरकार सिर्फ पूंजीपतियों को ध्यान में रखकर बजट बनाती है।वित्त मंत्री ने 300 यूनिट फ्री बिजली का जो ऐलान किया है, यह ऐलान भी हर भारतीय को 15 लाख रुपए मिलेंगे वाली घोषणा की तरह ही जुमला साबित होगी।
4-राष्ट्रीय संगठन मंत्री किसान एकता संघ के किसान नेता डॉ रवि नागर ने कहा कि किसानों के लिए यह निराशा पूर्ण बजट हैं। जिस तरह से किसानों के साथ वादे किये गए थे कि किसान सम्मान निधि बढ़ेगी लेकिन इस बजट से किसानों की सारी उम्मीदें टूट गई।
5- साइकोलॉजिकल काउंसलर डॉ उजमा कमर ने कहा कि जिस तरह से देखा जाए कि उच्च शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी 28 फीसदी बड़ी है साथ ही इस बजट में युवाओं के लिए भी काफी कुछ दिया गया। 7 लाख तक की सालाना इनकम टैक्स से छूट देने का ऐलान किया गया है।
6-ट्रेड यूनियंस फेडरेशन के महामंत्री संजीव मेहरोत्रा ने कहा कि इस अंतरिम बजट में कर्मचारियों के लिहाज से कोई घोषणा नही हुई है। न ही सीनियर सिटीजन को कोई राहत दी गई है। महगाई कैसे कम होगी,रोजगार कैसे बढ़ेंगे। इस बात का कोई जिक्र तक नहीं है कार्पोरेट दोस्तो का टैक्स कम किया जाना समझ से परे है।इस बार के बजट में बताने लायक कुछ नहीं हैं।
हिन्दुस्थान/देश दीपक गंगवार/बृजनंदन