हार्वेस्टर से गेहूं की कटाई, पशुओं के चारा की किल्लत लाई

 
हार्वेस्टर से गेहूं की कटाई, पशुओं के चारा की किल्लत लाई


भूसा की कीमतों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी

औरैया, 06 अप्रैल (हि.स.)। इस समय पर किसान गेहूं की कटाई में लगे हुए हैं। कई क्षेत्रों में कटाई का काम पूरा हो चुका है, तो कई जगह अभी भी चल रहा है। औरैया जिले में भी किसान समय रहते फसल की कटाई करने में लगे हुए हैं। इसके लिए खेतों में दिन-रात कंबाइन (हार्वेस्टर)चलवा रहे हैं।

हालांकि कंबाइन से कटाई के कारण पशुओं के भूसा की कमी को देखते हुए कीमतों में काफी इजाफा देखा जा रहा है। दरअसल, कंबाइन से कटाई में किसानों को सिर्फ गेहूं ही मिलता है और डंठल खेत में ही रह जाते हैं। जब किसान हाथ से गेहूं की कटाई करते हैं और थ्रेसिंग होती है तो गेहूं के साथ भूसा भी मिल जाता है। इस विधि में समय और मेहनत ज्यादा लगती है। यहीं कारण है कि ज्यादा से ज्यादा गेहूं की कटाई कंबाइन से इन दिनों हो रही है और अब भूसा की कमी की समस्या सामने आने लगी है।

किसानों का कहना है कि इस समय गेहूं की कटाई का सीजन चल रहा है, उसके बाद भी भूसा की उपलब्धता काफी कम है।इस सीजन में पहले भूसा 500 रुपये प्रति क्विंटल मिल जाया करता था।लेकिन कंबाइन से कटाई के कारण भूसा की किल्लत हो गई है और भाव 600-700 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया है। भूसा की बढ़ी हुई कीमतों का असर सबसे अधिक पशुपालकों पर पड़ रहा है। उन्हें अधिक भाव देकर भूसा खरीदना पड़ रहा है। उनका कहना है कि मवेशियों के लिए चारा इकट्ठा करने के लिए काफी खर्च करने पड़ रहे हैं।

पशु चारा की कमी को देखते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों को तत्काल भूसा को जिले से बाहर ले जाने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। किसानों का कहना है कि यहां से ट्रॉलियों में भर-भरकर भूसा अन्य जिलों में भेजा जा रहा है। गौशाला में पल रहे गौवंश भूखे मरने कि स्थिति में आ जाएंगे, क्योंकि भूसा पर्याप्त मिल नहीं पायेगा। पशुपालक यहां से भूसा खरीद कर ले जा रहे हैं। कुछ किसान भी भूसा बेचने में लग गए हैं और अतिरिक्त कमाई करने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि कुछ समय बाद भूसा की कीमतों में और इजाफा हो सकता है।

जिले के पशु चिकित्साधिकारी हृदेश कुमार ने बताया कि जो पशु दूध देते हैं उनके लिए भूसा में अनाज मिलाकर खिलाने से दुग्ध उत्पादन क्षमता अधिक होती है। इधर भूसा की कीमतों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

गौशाला सहार के महामंत्री अश्वनी कुमार पाण्डेय ने बताया कि बीते दिनों तक उन्हें गौवंश के लिए पांच सौ रुपये कुंतल भूसा खरीद में मिल जाता था। अबकी बार कम्बाइन मशीन चलने से भूसा नहीं मिल रहा है। ग्राम पंचायत के अधीन अस्थाई गौवंश के भरण पोषण के लिए और भी अधिक किल्लत होंगी, इसलिए भूसा को बाहर जाने से तत्काल रोका जाना आवश्यक है। कम्बाइन मशीन के अवशेष में किसान आग लगाकर नष्ट कर देते हैं जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है, इसलिए कम्बाइन पर भी रोक लगाई जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार