जम्मू- कश्मीर का संघर्ष सभ्यता और संस्कृतियों का : न्यायाधीश

 


-हमारे उपनिषदों का मंत्र है ‘वीर भोग्या वसुंधरा’

प्रयागराज, 27 अक्टूबर (हि.स.)। जम्मू -कश्मीर का संघर्ष सभ्यता और संस्कृतियों का संघर्ष है, जो पूरे विश्व भर में फैला हुआ है। आतंकवादी तो केवल मुखौटे हैं, वास्तव में कुछ लोग अपनी संस्कृति और सभ्यता को पूरे विश्व पर थोपना चाहते हैं और उसके लिए वह किसी भी हद तक गुजर सकते हैं। उनके लिए मानवता का कोई मूल्य नहीं है। हमें चिंतन करना होगा कि वह कौन से कारण हैं जिनके कारण विश्व का मार्गदर्शन करने वाली सनातन संस्कृति एवं अपराजेय भारत को चंद लुटेरों ने भारत की सनातन संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया और कुछ हद तक वह इसमें सफल भी रहे।

यह बातें मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधीश एस.एस उपाध्याय ने सनातन संस्कृति सेवा ट्रस्ट द्वारा 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू- कश्मीर के भारत में विलय के अवसर को जम्मू -कश्मीर दिवस के रूप में मनाते हुए कटरा रोड, मुंगरा बादशाहपुर जौनपुर में सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने जम्मू -कश्मीर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कश्यप ऋषि द्वारा बसाए गए कश्मीर का साम्राज्य कैस्पियन सागर तक फैला था। विश्व की प्रथम यूनिवर्सिटी नालंदा और उस जैसे 14 विश्वविद्यालयों को नष्ट कर दिया। हमको उन्हीं से सीखना होगा तभी हम सुरक्षित होंगे, खतरा आज भी विद्यमान है।

उन्होंने आगे कहा कि सम्पूर्ण प्रकृति ही हमारी आराध्य है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, नदियां- पहाड़ हम सभी की पूजा करते हैं। तुम किसको- किसको नष्ट करोगे। श्रेष्ठतम विचारों का नाम ही धर्म है और श्रेष्ठ चिंतन ही उपासना है। उपासना पद्धतियां धर्म नहीं हैं। हमारे यहां अगनित उपासना पद्धतियां हैं। चार्वाक जैसे अनेक ऋषि हमारी संस्कृति के अंग हैं। हमको समाज की सभी उपासना पद्धतियों के लोगों से मिलकर अपनी सभ्यता और संस्कृति को मजबूत करना चाहिए। हमारे उपनिषदों का मंत्र है ‘वीर भोग्या वसुंधरा’। और हम जब तक इस पर चलते रहे, हमको कोई पराजित नहीं कर पाया। हमको पुनः इसी मार्ग पर चलना होगा।

विशिष्ट अतिथि ओमप्रकाश त्रिपाठी प्रदेश सह संयोजक प्रबुद्ध प्रकोष्ठ भाजपा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सम्पूर्ण जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानती है और पाकिस्तान द्वारा अधिकृत कश्मीर को मुक्त कराने का संकल्प लिया है। धारा 370 को समाप्त करना इस दिशा में एक कदम है। हम सम्पूर्ण-कश्मीर के लोगों को भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त सभी अधिकारों को प्रदान करेंगे। आतंकवाद वहां पर अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है।

अवकाश प्राप्त श्रम आयुक्त शेषधर शुक्ला ने देश की आंतरिक और चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश को एक नई दिशा मिली है और इसके लिए हम सभी को मिलकर आगे प्रयास करना होगा। इधर यह देखने को मिला कि इंडिया हमास के साथ खड़ा है और भारत-इजराइल के साथ। हमको इसे गंभीरता से समझना होगा।

यह जानकारी कार्यक्रम के आयोजक पं. शीतला प्रसाद मिश्र ने शुक्रवार को देते हुए बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य जन मानस में राष्ट्रीय भावना को जागृत करना है। हमको जितना खतरा बाहरी दुश्मनों से है, उससे अधिक खतरा देश में छिपे हुए गद्दारों से है। इस समय देश में राष्ट्रीय यज्ञ चल रहा है। इसमें हम सभी को आहुति देनी है और इसमें नागों के साथ-साथ उनके पालने वालों की भी आहुति देनी है। तभी देश सुरक्षित होगा। अंत में उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया। अवकाश प्राप्त सैनिक पुरोहित पं. उमाशंकर शास्त्री ने भी अपने अनुभव साझा किये और आशीर्वचन और बधाई दी।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम