जल संचयन के किए जा रहे कार्यों का पोर्टल पर फीड करने के निर्देश

 


फतेहपुर, 29 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में सोमवार को जल संचयन जन भागीदारी 2.0 से सम्बंधित बैठक कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार में जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में “जल संचयन जन भागीदारी 2.0” पोर्टल पर आर्टिफिशियल रिचार्ज एवं जल संरक्षण संरचनाओं का विवरण अपलोड किए जाने तथा जल संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई।

जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा नामित वैज्ञानिक जगदम्बा प्रसाद ने उपस्थित अधिकारियों को जानकारी देते हुए बताया कि जल संरक्षण अभियान 2.0 के अंतर्गत 01 जून 2025 से मई 2026 तक जनपद में जल संरक्षण के लिए किए जा रहे सभी कार्यों का विवरण सम्बंधित पोर्टल पर अनिवार्य रूप से फीड कराया जाना आवश्यक है।

उन्होंने यह भी बताया कि दिशा-निर्देशों के अनुसार अति-दोहित (Over-Exploited) एवं क्रिटिकल श्रेणी के ब्लॉकों में न्यूनतम 65 प्रतिशत, सेमी-क्रिटिकल श्रेणी के ब्लॉकों में 40 प्रतिशत, तथा सुरक्षित (Safe) श्रेणी के ब्लॉकों में जल संरक्षण एवं जल संचयन से सम्बंधित कार्य कराए जाने आवश्यक हैं।

जिलाधिकारी ने सहायक अभियंता, लघु सिंचाई को निर्देश दिया कि सिंचाई विभाग, जल निगम, भूमि संरक्षण विभाग, उद्यान विभाग, नगर विकास विभाग, वन विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, भूगर्भ जल विभाग सहित अन्य सम्बंधित विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए 31 मई 2025 के पश्चात जनपद में निर्मित अथवा नवीनीकृत आर्टिफिशियल रिचार्ज एवं जल संरक्षण संरचनाओं का निर्धारित प्रपत्र (प्रोफार्मा) में डाटा संकलित कर संबंधित पोर्टल पर शीघ्र अपलोड कराना तय करें। इससे जनपद में जल संरक्षण के लिए किए गए कार्यों का शासन स्तर पर समुचित प्रस्तुतीकरण हो सकेगा तथा भविष्य की कार्ययोजना तैयार करने में सहायता मिलेगी।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना, प्रशिक्षु आईएएस नौशीन, सहायक अभियंता लघु सिंचाई, जिला उद्यान अधिकारी, डीसी मनरेगा, जिला पंचायत राज अधिकारी सहित सम्बंधित उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / देवेन्द्र कुमार