अभिजीत मुहूर्त एवं सर्वार्थ सिद्धि योग में प्राण प्रतिष्ठा होते ही नवीन भारत का अभ्युदय होगा:स्वामी नरेन्द्रानंद
- प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण काशी सुमेरूपीठाधीश्वर को दिया गया
वाराणसी,17 जनवरी(हि.स.)। अयोध्या में जन्मस्थान पर रामलला के बने भव्य मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण बुधवार को अस्सी डुमरावबाग स्थित काशीसुमेरू पीठ के पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती को भी दिया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी दक्षिण के संयोजक संतोष , विश्व हिंदू परिषद के प्रांत धर्माचार्य प्रमुख शशि भूषण त्रिपाठी, सह प्रांत विशेष संपर्क प्रमुख सत्य प्रकाश, महानगर मंत्री आनंद पाण्डेय, महानगर उपाध्यक्ष उमेश ने सुमेरूपीठ में जाकर स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती को निमंत्रण दिया।
आमंत्रण मिलने के बाद स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि 500 सालों के बाद ऐसा अवसर आया है। रामलला भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। अभिजीत मुहूर्त एवं सर्वार्थ सिद्धि योग में प्राण प्रतिष्ठा होते ही नवीन भारत का अभ्युदय होगा। शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद ने कहा कि सनातन समाज के लिए यह आनन्द का क्षण है। राम मंदिर पर समाज में फैले भ्रम के संदर्भ में उन्होंने कहा कि राम मंदिर प्रतिष्ठा का मुहूर्त पूर्णतः शास्त्र सम्मत है । इसका आधार प्रतिष्ठा महोदधी, परमेश्वर संहिता, लिंग पुराण, धर्म सिंधु एवं निर्णय सिंधु से लिया गया है। भगवान राम ने अपने जीवन काल में जटायु एवं शबरी को समाज के मुख्य धारा से जोड़ा था। स्वामी नरेन्द्रानंद ने कहा कि 70 वर्षों में भारत को ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो अयोध्या भ्रमण कर रहा है।स्वामी नरेन्द्रानंद ने स्मृति शेष विहिप के शीर्ष नेता अशोक सिंघल,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विशेष योगदान को भी सराहा। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए गुरुवार 19 जनवरी को अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे।
-धर्मसंघ शिक्षा मंडल के सचिव जगजीतन पांडेय को दिया गया आमंत्रण
22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण दुर्गाकुंड स्थित धर्मसंघ शिक्षा मंडल के महामंत्री एवं सचिव जगजीतन पाण्डेय को भी दिया गया। निमंत्रण पत्र मिलने पर खुशी जताते हुए जगजीतन पाण्डेय ने कहा कि धर्म सम्राट स्वामी करपात्री महाराज ने राम मंदिर आंदोलन का बीजारोपण किया था, जिसका पटाक्षेप आज इस आनंद उत्सव के रूप में हो रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/सियाराम