ट्रिपल आईटी में अनुप्रयुक्त जैव प्रौद्योगिकी में विकास पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला
प्रयागराज, 22 अगस्त (हि.स.)। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद के अनुप्रयुक्त विज्ञान (एप्लाइड साइंस) विभाग द्वारा आयोजित “अनुप्रयुक्त जैव प्रौद्योगिकी में विकास“ (आरडीएबी) विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला 23 अगस्त से ऑनलाइन होगी। जिसका उद्घाटन ट्रिपल आईटी इलाहाबाद के निदेशक प्रो. मुकुल शरद सुतावाने करेंगे और अनुप्रयुक्त विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. प्रमोद कुमार अध्यक्षता करेंगे।
कार्यक्रम संयोजक डॉ.सिंटू कुमार सामंत ने कहा कि इसमें भारत और विदेश से कई प्रभावशाली वक्ता शामिल होंगे। मुख्य भाषण जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली की प्रो.कस्तूरी मुखोपाध्याय द्वारा दिया जाएगा। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) के डॉ.गौतम सेठी आणविक चिकित्सा और कैंसर अनुसंधान में अपनी विशेषज्ञता साझा करेंगे। ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय के डॉ.अपूर्व भट्ट माइक्रोबियल अपने शोध पर चर्चा करेंगे और बताएंगे कि तपेदिक के खिलाफ नए एंटीमाइक्रोबियल उपचारों के विकास को कैसे सूचित कर सकता है।
आईआईटी रुड़की के डॉ.गोपीनाथ नैनो बायोटेक्नोलॉजी और औद्योगिक जैव प्रौद्योगिकी में इसके अनुप्रयोगों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करेंगे। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) हैदराबाद के डॉ.तमाल दास कोशिका और सामूहिक कोशिका गतिशीलता पर अपना काम प्रस्तुत करेंगे जिसमें पता लगाया जाएगा कि जैव प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के लिए सेलुलर तंत्र का कैसे उपयोग किया जा सकता है। आईआईटी जोधपुर के डॉ.सुदीप्त भट्टाचार्य प्रोटीन इंजीनियरिंग और औषधि डिजाइन में प्रगति पर चर्चा करेंगे। भारतीय जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान के अग्रणी व्यक्ति आईआईटी खड़गपुर के डॉ.रितोब्रत गोस्वामी और एनआईटी रायपुर के डॉ.दिजेंद्र नाथ रॉय भी नवीनतम रुझानों और भविष्य की दिशाओं पर अपने दृष्टिकोण पेश करेंगे।
कार्यक्रम के अन्य संयोजक डॉ.अमरेश कुमार साहू ने बताया कि आरडीएबी ऐसे महत्वपूर्ण समय पर आयोजित हो रहा है जब जैव प्रौद्योगिकी को सतत विकास और नवाचार की आधारशिला के रूप में तेजी से पहचाना जा रहा है। आरडीएबी कार्यशाला घटक प्रतिभागियों को मेस्ट्रो का उपयोग कर आणविक डॉकिंग और श्रोडिंगर द्वारा आणविक गतिशीलता सिमुलेशन पर प्रशिक्षण में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने की अनुमति देगा।
हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र / Siyaram Pandey