बौद्धिक संपदा संरक्षण से कृषि अनुसंधान को मिलेगी नई दिशा, किसानों को मिलेगा लाभ : प्रोफेसर सिद्धार्थ
-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में बौद्धिक सम्पदा जागरूकता कार्यक्रम
वाराणसी,02 मई (हि.स.)। राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रो. सिद्धार्थ शुक्ला ने कहा कि बौद्धिक संपदा संरक्षण से कृषि अनुसंधान को नई दिशा मिलेगी। किसानों को भी लाभ पहुंचेगा। प्रो. शुक्ला भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी की ज़ोनल तकनीकी प्रबंधन इकाई के तत्वावधान में आयोजित बौद्धिक सम्पदा जागरूकता कार्यक्रम को वर्चुअल सम्बोधित कर रहे थे।
प्रो. शुक्ला ने बौद्धिक सम्पदा और पारंपरिक ज्ञान का वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में महत्व को विस्तार से बताया। संस्थान के निदेशक डॉ. तुषार कांति बेहेरा ने कृषि क्षेत्र और विज्ञान में बौद्धिक संपदा के संरक्षण पर बल दिया। उन्होंने वैज्ञानिकों को वैश्विक बाज़ार में अपनी तकनीकों को सुरक्षित तरीके से उपयोग की बात कहीं। किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में संस्थान के समस्त वैज्ञानिकों के अतिरिक्त ज़ोनल प्रबंधन इकाई से सम्बद्ध अन्य 10 संस्थानों के संस्थान तकनीकी प्रबंधन इकाइयों के प्रभारी वैज्ञानिकों ने ऑनलाइन सहभागिता की।
इस दौरान संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ. नागेन्द्र राय, अखिल भारतीय समन्वित सब्जी परियोजना के समन्वयक डॉ. राजेश कुमार एवं अन्य वैज्ञानिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुहास करकुटे तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ नीरज सिंह ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर