डिजिटल लर्निंग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर में व्यापक सुधार कर रही योगी सरकार
लखनऊ, 15 नवंबर (हि.स.)। योगी सरकार उत्तर प्रदेश में डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा दे रही है। परिषदीय विद्यालयों, कम्पोजिट और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में डिजिटल लर्निंग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर में व्यापक स्तर पर सुधार किया जा रहा है। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास सेटअप के साथ ही प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड (880) स्तर पर एक आईसीटी लैब की स्थापना की जा रही है। साथ ही सीएसआर, सामुदायिक सहभागिता एवं अन्य माध्यमों से स्मार्ट क्लास स्थापित कराए जा रहे हैं।
इसके अलावा परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को टेबलेट्स भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, ख्याति प्राप्त संस्थानों के विशेषज्ञों के ऑनलाइन सेशन एवं स्ट्रीमिंग के माध्यम से शिक्षकों के साथ ही बच्चों का संवर्धन एवं ज्ञानवर्द्धन किए जाने की योजना है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक डिजिटल संसाधनों के माध्यम से कक्षा शिक्षण के संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित किए जाने की तैयारी है। कक्षा शिक्षण के लिए कक्षा 1 से 8 तक के समस्त विषयों के पाठ्यक्रम के अनुसार कंटेंट्स का मूल्यांकन राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, उत्तर प्रदेश के विषय विशेषज्ञों से कराकर शैक्षणिक कंटेंट्स तैयार किए जा रहे हैं। टेबलेट्स, आईसीटी लैब एवं स्मार्ट क्लास के माध्यम से लाइव स्ट्रीमिंग सॉफ्टवेयर जैसे यू-ट्यूब लाइव, जूम सेशन वेबिनार द्वारा दूरस्थ शिक्षा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा सकेगा। इन डिजिटल माध्यमों से शिक्षा के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त एवं उत्कृष्ट संस्थाओं के विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन सेशन एवं स्ट्रीमिंग के माध्यम से शिक्षकों के क्षमता संवर्द्धन के साथ ही बच्चों का ज्ञानवर्द्धन किया जा सकेगा। आईसीटी लैब के माध्यम से शिक्षकों, अनुदेशक (कम्प्यूटर शिक्षा) के पर्यवेक्षण में बच्चों को बेसिक कम्प्यूटर संचालन का अभ्यास कराया जाएगा। लर्निंग मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर, डिजिटल कंटेंट्स एवं वर्चुअल लैब के उपयोग से बच्चे सभी विषयों से संबंधित मूल अवधारणाओं को प्रैक्टिस के माध्यम से समझ सकेंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि विकासखंड, विद्यालय स्तर पर स्थापित किए जा रहे आईसीटी लैब के प्रयोग हेतु बीआरसी प्रांगण का विद्यालय, निकटस्थ विद्यालय के कक्षा 6 से 8 के 14-14 बच्चों का रोस्टर इस प्रकार तैयार किया जाएगा, जिससे कि प्रत्येक दिवस सभी बच्चों को अभ्यास के समुचित अवसर उपलब्ध हो सकें। दीक्षा एप के माध्यम से कक्षा 1-8 तक के 82 एनरजाइज टेक्स्ट बुक्स से संबंधित कंटेंट्स उपलब्ध कराए गए हैं, जिसमें पाठ्यपुस्तकों में उपलब्ध क्यूआर कोड स्कैन करके शिक्षकों एवं बच्चों द्वारा इस कंटेंट का प्रयोग किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त एससीईआरटी. बेसिक शिक्षा विभाग एवं एनसीईआरटी द्वारा लगभग 7300 कंटेंट्स के वीडियोज भी दीक्षा एप पर उपलब्ध कराए गए हैं। दीक्षा एप पर उपलब्ध इन सभी कंटेंट्स एवं वीडियोज का स्मार्ट क्लास के माध्यम से नियमित प्रयोग करते हुए शिक्षकों द्वारा कक्षा शिक्षण कराया जाएगा।
पॉकेट बुकलेट में मिलेंगे महत्वपूर्ण कोर्स
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश में डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कक्षा 6 से 8 तक समस्त शिक्षकों को पॉकेट बुकलेट एवं विद्यार्थियों को स्टूडेंट पॉकेट बुकलेट उपलब्ध कराई गई है। शिक्षक पॉकेट बुकलेट में दिए गए महत्वपूर्ण कोर्स को डिवाइस के एचडी कैम से क्यूआर को स्कैन करके प्रशिक्षण कोर्स से जुड़कर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षक स्टूडेंट पॉकेट बुकलेट में दिए गए गणित, विज्ञान हिन्दी एवं अंग्रेजी विषयों से संबंधित क्यूआर को स्कैन कर बच्चों को प्रतिदिन शिक्षित करेंगे। उन्होंने बताया कि दीक्षा एप के माध्यम से शिक्षकों के लिए अतिरिक्त डिजिटल शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने के दृष्टिगत विभिन्न डेवलपमेण्ट पार्टनर्स जैसे खान एकेडमी, एमबाइब संस्था, टीचर्स एप रीड एलांग एप आदि के माध्यम से शैक्षणिक कंटेंट उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे कि कक्षा शिक्षण को रूचिकर एवं प्रभावी बनाया जा सकेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/पीएन द्विवेदी/पवन