बीएचयू में भारतीय भाषा सम्मेलन, भाग लेंगे 300 से अधिक प्रतिभागी
वाराणसी,07 मार्च (हि.स.)। कला तथा वाणिज्य संकाय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, भारतीय शिक्षण मंडल, काशी प्रांत और भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त पहल पर बीएचयू विज्ञान संकाय के विज्ञान संकुल सभागार में शुक्रवार सुबह 09 बजे से 'भारतीय भाषा सम्मेलन' का आयोजन किया गया है। सम्मेलन में राज्य भर से 300 से अधिक प्रतिभागियों और भाषा-विशेषज्ञों की उपस्थिति रहेगी।
सम्मेलन में 'भारतीय भाषाओं में विविध विषयों का अध्यापन : पाठ्य पुस्तकें लेखन/पठनसामग्री निर्माण की प्रक्रिया - संभावनाएँ एवं चुनौतियाँ' पर चर्चा होगी। कार्यक्रम संयोजक डाॅ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि कुल सात सत्रों में विषय-विशेषज्ञों के साथ शोधार्थी विचार-मंथन करेंगे। एक सत्र 'भाषाएँ अनेक : भाव एक' शीर्षक से कविता-पाठ का भी होगा, जिसमें तमिल, तेलुगु, कन्नड़, नेपाली, बँगला, मराठी, हिंदी, भोजपुरी, ब्रज, अवधी, काशिका आदि भारतीय भाषाओं में नवोदित रचनाकार काव्यपाठ करेंगे।
उन्होंने बताया कि भारतीय भाषाओं के उन्नयन और पारस्परिक सौहार्द निर्माण के लिए भारत सरकार की भारतीय भाषा समिति देशभर में अनेक गतिविधियों का संचालन कर रही है। इसी क्रम में यहां सम्मेलन हो रहा है। इसके अंतर्गत प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों में भारतीय भाषाओं में अध्ययन-अध्यापन के लिए पाठ्यपुस्तकों के लेखन और सामग्री निर्माण के साथ पारिस्थितिकी निर्माण का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 'भारतीय भाषाओं में विषय शिक्षण के लिए विद्यालय शिक्षकों की तैयारी : संभावनाएँ एवं चुनौतियाँ', 'भारतीय भाषाओं में विषय शिक्षण के लिए विश्वविद्यालय प्राध्यापकों की तैयारी : संभावनाएँ एवं चुनौतियाँ', 'भारतीय भाषा पारिस्थितिकी (इकोसिस्टम) निर्माण के लिए संस्थागत पहल/अपेक्षित कार्य', 'भारतीय भाषाओं से संबद्ध प्रयासों को प्रचारित करने में सोशल मीडिया की भूमिका', 'भारतीय भाषाओं में शब्दावली निर्माण', 'भारतीय भाषाएँ और प्रौद्योगिकी', 'विकसित भारत के निर्माण में भारतीय भाषाओं की भूमिका', 'सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक प्रगति के लिए भारतीय भाषाओं की अनिवार्यता' तथा 'मातृभाषा में शिक्षा' आदि विषयों पर परिचर्चा होगी।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/बृजनंदन