हिन्दी में अन्य भाषाओं की मिलावट चिन्ताजनक :प्रवीण आर्य

 




गाजियाबाद, 14 सितंबर (हि.स.)। हिन्दी केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में शनिवार को हिन्दी दिवस विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि हिन्दी में अन्य भाषाओं की मिलावट चिन्ताजनक है। इससे हिन्दी खिचड़ी बनकर अपना वास्तविक स्वरूप खोती जा रही है। हिन्दी को दैनिक व्यवहार में लाया जाना चाहिए, तभी हिन्दी अपना गौरव पूर्ण स्थान बना पाएगी।

अनिल आर्य ने कहा कि हिंदी में अन्य भाषाओं की मिलावट चिन्ताजनक है। इससे हिन्दी खिचड़ी बनकर अपना वास्तविक स्वरूप खोती जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत के स्वाभिमान के प्रतीक हिन्दी जिसे माथे की बिन्दी भी कहा जाता है। आज उर्दू वा अंग्रेजी के भीषण संक्रमण का शिकार हो रही है। विदेशी आयातित भाषाओं की घुसपैठ इस स्तर पर पहुंच गई है कि हम भारतीय भी यह पहचानने में विस्मृत हो जाते हैं कि यह शब्द उर्दू का है या अंग्रेजी का है। मुगलों व अंग्रजों की पराधीनता की प्रतीक उर्दू व अंग्रेजी के इन शब्दों को चुन-चुन कर हमें वाणी और लेखनी से बाहर फेंकना होगा, तभी हमारा हिन्दी दिवस मनाना सार्थक होगा।

उन्होंने कहा कि यह हमारा दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि स्वाधीनता के लंबे समय के बाद भी हम हिन्दी को राष्ट्रभाषा का सम्मान नहीं दिला पाए। स्वभाषा के बिना स्वाधीनता अधूरी है, राष्ट्र गूंगा है। मात्र एक दिवस ही नहीं पूरे 365 दिन हिन्दी को स्वाभिमान के साथ लिखने पढ़ने और बोलने का उपक्रम करना होगा।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रवीण आर्य ने कहा कि हिन्दी बोलने लिखने में हमें गौरव का अनुभव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानन्द ने भारत को जोड़ने की दूरदर्शिता को बहुत पहले समझा था और गुजराती होते हुए भी अपना सब साहित्य हिन्दी में ही लिखा था।

ओम सपरा ने कहा कि स्वामी विरजानंद जी की पुण्य तिथि है वह व्याकरण के सूर्य थे और स्वामी दयानन्द सरस्वती को शिक्षा दी। इसी तरह आचार्य महेन्द्र भाई ने कहा कि माँ तो माँ ही होती है। हमें दैनिक जीवन में हिन्दी में अधिकाधिक कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए।

इस दाैरान पर गायिका प्रवीना ठक्कर, रजनी गर्ग, रजनी चुघ, शोभा बत्रा, पिंकी आर्य, सुनीता अरोड़ा, विजय खुल्लर, रविन्द्र गुप्ता आदि ने मधुर गीत सुनाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली