भारत में पर्यटन क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं : प्रोफेसर मुकेश

 


झांसी, 02 अगस्त (हि.स.)। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के होटल एवं प्रबंधन संस्थान द्वारा पर्यटन और आतिथ्य के समक्ष समसामयिक मुद्दे और चुनौतियां विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने पर्यटन विषय पर आयोजित अनेक प्रतियोगिताओं में सहभागिता की।

कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पर्यटन व्यवसाय का किसी भी राष्ट्र को आर्थिक रूप से सबल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान में भारत 3 ट्रिलियन इकोनामी है, जिसे 2027 तक 5 ट्रिलियन करने का लक्ष्य है। 2047 विकसित भारत तक हमें इसे 30 ट्रिलियन तक ले जाना होगा। भारत में पर्यटन क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। युवा शक्ति को रोजगार और स्वावलंबन के माध्यम से इस क्षेत्र में उपलब्ध चुनौतियों को अवसर में बदलने की जरूरत है।

उन्होंने स्कूली छात्रों से बात करते हुए कहा कि आपके पास अवसर है कि आप अपने जीवन के लिए लक्ष्य तय कर उसे पूरा करने में जुट जायें। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जेएनयू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजीव सिजारिया ने कहा कि आपदा के समय पर्यटन एवं अतिथ्य क्षेत्र में 67% की गिरावट देखने को मिली है। लेकिन यह भी सत्य है कि इसमें सफल व्यवसाय के लिए अफसर की भी कमी नहीं है। आज सांस्कृतिक, धार्मिक, आथित्य, कलिनरी, एडवेंचर, वैलनेस आदि अनेक क्षेत्र में पर्यटन में विशेष अवसर उपलब्ध है। उन्होंने आज की प्रमुख चुनौतियां के संबंध में कहा कि टैलेंट की कमी, आर्थिक अनिश्चितता, कंजूमर का बदलता स्वभाव, क्लाइमेट चेंज और तकनीक में आ रहे परिवर्तन महत्वपूर्ण हैं। सतत विकास, तकनीक के साथ सामंजस्य, और दीर्घकाल योजना के साथ इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।

प्रतियोगिताओं के निर्णायक के रूप में डॉ कौशल त्रिपाठी, डॉ ईरा तिवारी, डॉ शिल्पा मिश्रा, डॉ शिप्रा सक्सैना, डॉ श्वेता पांडे, डॉ सुधीर द्विवेदी रहे। इस अवसर पर प्रो. अपर्णा राज, प्रो. सुनील काबिया, प्रो. प्रतीक अग्रवाल, प्रो. डीके भट्ट, प्रो. पूनम पुरी के साथ विभाग एवं विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा