झांसी मिलिट्री स्टेशन को कार्बन न्यूट्रल में बदलेगा कानपुर आईआईटी
कानपुर, 22 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर वातावरण में कार्बन डाइआक्साइड के उत्सर्जन को कम करने के लिए बराबर नवीनतम तकनीक का इजाद कर रहा है। इसी के तहत अब झांसी मिलिट्री स्टेशन को कार्बन न्यूट्रल सुविधा में बदलने के लिए प्रतिबद्ध हो गया है। इससे सैन्य बुनियादी ढांचे के भीतर पर्यावरणीय समाधान विकसित हो सकेगा।
विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर भारतीय सेना ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के साथ एक सहयोगात्मक प्रयास के रूप में झांसी मिलिट्री स्टेशन में प्रतिष्ठित इंडिया ग्रीन समिट 2024 की मेजबानी की। सुदर्शन चक्र कॉर्प्स के एवीएसएम जीओसी, लेफ्टिनेंट जनरल प्रीत पाल सिंह के समग्र मार्गदर्शन में समिट ने नवीन पर्यावरणीय समाधानों को प्रदर्शित करने और सैन्य बुनियादी ढांचे के भीतर जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर महत्वपूर्ण चर्चा की सुविधा प्रदान करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।
इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से भारतीय सेना और वायु सेना के अधिकारियों ने भाग लिया। इसके तहत भवन निर्माण सामग्री और प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद (बीएमपीटीसी), भारतीय हरित भवन परिषद (आईजीबीसी), भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड गवर्नेंस (एसपीजी), क्लाइमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल (सीआरओपीसी) और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल (सीआईडीसी) जैसे प्रतिष्ठित संगठनों सहित हितधारकों के एक विविध समूह को एक साथ लाया गया। इसके अतिरिक्त टाटा ब्लूस्कोप सहित 15 संगठनों ने उन्नत टिकाऊ निर्माण प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए नवीनतम टिकाऊ विकास तकनीकों का प्रदर्शन किया।
आईआईटी कानपुर के सस्टेनेबल एनर्जी इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. राजीव जिंदल ने बताया कि इंडिया ग्रीन समिट का महत्व और भी बढ़ गया क्योंकि इसने पिछले वर्ष पृथ्वी दिवस पर आईआईटी कानपुर और झांसी स्टेशन के कमांडर वर्क्स इंजीनियर के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) की वर्षगांठ मनाई। इस अग्रणी सहयोग का उद्देश्य झांसी सैन्य स्टेशन को कार्बन-न्यूट्रल सुविधा में बदलना है, जो पर्यावरणीय जिम्मेदारियों के प्रति भारतीय सेना और आईआईटी कानपुर की साझा प्रतिबद्धता को उजागर करता है। इंडिया ग्रीन समिट 2024 शिक्षा और सेना के बीच सहयोग की शक्ति का उदाहरण है। साथ मिलकर काम करके हम अपने रक्षा बुनियादी ढांचे के लिए एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने के लिए अभिनव समाधान विकसित कर सकते हैं। झांसी सैन्य स्टेशन का कार्बन-न्यूट्रल सुविधा में सफल परिवर्तन देश भर के अन्य सैन्य प्रतिष्ठानों के लिए एक मॉडल के रुप में काम करेगा।
व्हाइट टाइगर डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल एमके माथुर ने हरित और टिकाऊ टेकअवे के महत्व पर जोर दिया गया, जो सेना के भीतर पर्यावरणीय जिम्मेदारी की दिशा में भविष्य के कार्यों का मार्गदर्शन करेगा। मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज के कर्नल अखिल सिंह चरक ने कहा कि भारतीय सेना राष्ट्रीय सुरक्षा और पर्यावरणीय जिम्मेदारी दोनों को प्राथमिकता देती है। इंडिया ग्रीन समिट 2024 ने नवीन टिकाऊ प्रौद्योगिकियों की खोज और आईआईटी कानपुर जैसे अग्रणी संस्थानों के साथ मजबूत साझेदारी बनाने के लिए एक अमूल्य मंच के रुप में कार्य किया। यहां प्राप्त ज्ञान और सहयोग पूरे भारत में पर्यावरण के लिए जिम्मेदार सैन्य सुविधाएं बनाने के हमारे उद्देश्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित