अनुसंधान प्रदर्शित करने का उत्कृष्ट मंच है कानपुर आईआईटी का एचसीपी

 


कानपुर, 21 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर का हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी) बराबर गणितीय और कम्प्यूटर के क्षेत्र में अग्रणी बना हुआ है। इसको राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन से भी समर्थन प्राप्त है, जिसके जरिये एचसीपी कम्प्यूटेशनल शक्ति की सीमाओं को आगे बढ़ा रहा है। इस प्रकार एचसीपी शोधार्थियों और छात्रों के लिए अनुसंधान प्रदर्शित करने का एक उत्कृष्ट मंच है। यह बातें रविवार को आईआईटी कानपुर के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड ऑटोमेशन के डीन प्रो्र निशांत नायर ने एचसीपी की संगोष्ठी में कही।

आईआईटी कानपुर ने अपने एचपीसी संगोष्ठी 2024 की सफलतापूर्वक मेजबानी की, जिसमें प्रमुख शोधकर्ताओं और छात्रों को हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी) की परिवर्तनकारी शक्ति का पता लगाने के लिए एक साथ लाया गया। यह वार्षिक आयोजन तेजी से विकसित हो रहे इस क्षेत्र में सहयोग और नवाचार को सुविधाजनक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। आईआईटी कानपुर एचपीसी में एक समृद्ध इतिहास का गवाह है, जिसने आईबीएम 1620 के साथ भारत में पहली शैक्षणिक संस्थान-आधारित एचपीसी प्रणाली स्थापित की है। नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन में संस्थान की भूमिका के तहत 1.6 पेटाफ्लॉप्स एचपीसी प्रणाली का अधिग्रहण हुआ। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा कि वैज्ञानिक प्रगति और नवाचार में तेजी लाने में एचपीसी की महत्वपूर्ण भूमिका है। संगोष्ठी ने एचपीसी सिस्टम का उपयोग करके आईआईटी कानपुर में किए गए शोध में मूल्यवान अंतर्दृष्टि उत्पन्न की।

वहीं छात्रों द्वारा आकर्षक पोस्टर प्रस्तुतियां और एक्सास्केल कंप्यूटिंग के लिए आईआईटी कानपुर के दृष्टिकोण पर एक विचारोत्तेजक विचार-मंथन सत्र ने संगोष्ठी को और समृद्ध बनाया। इसके साथ ही संस्थान की अनुसंधान गतिविधियों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सीमाओं तक आगे बढ़ाने में आईआईटी कानपुर में एचपीसी क्लस्टर की महत्वपूर्ण भूमिका पर उच्च स्तर की चर्चा हुई।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/सियाराम