एनएसआई के साथ जैव ईंधन पर अनुसंधान करेगा कानपुर आईआईटी
- 2025 तक प्रेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य पर सरकार को मिलेगी मदद
कानपुर, 15 जून (हि.स.)। देश में प्रेट्रोलियम ईंधन की बढ़ती खपत को लेकर केंद्र सरकार जैव ईंधन के विकल्प को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसी के तहत सरकार ने 2025 तक प्रेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य में सहभागिता के लिए शनिवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने अनुसंधान को लेकर समझौता ज्ञापन किया है। दोनों संस्थान मिलकर नवीनतम अनुसंधान करेंगे ताकि जैव ईंधन का दायरा बढ़ाया जा सके।
एनएसआई कानपुर और आईआईटी कानपुर ने शनिवार को एक अति महत्वपूर्ण एवं समसामयिक विषय 'जैव ईंधन के लिए उत्कृष्टता केंद्र' (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर बायो फ्यूल्स) के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये। समझौता ज्ञापन पर केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव (शर्करा) अश्वनी श्रीवास्तव, आईआईटी के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल एवं एनएसआई की निदेशक प्रो. सीमा परोहा ने हस्ताक्षर किये। इसके तहत दोनों सस्थान देश में बायोफ्यूल उत्पादन का बेहतर प्रभावशीलता और दीर्घकालिकता के साथ संवर्धन करने के लिए उत्कृष्ट अनुसंधान और अत्याधुनिक तकनीकी के विकास तथा उसको आत्मसात करने के लिए संयुक्त परियोजनाओं में कार्य करेंगे। प्रथम चरण में दोनों संस्थानों से प्रस्ताव लिए जाएंगे।
अगले चरण में केंद्रीय और राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित संस्थानों/ विश्वविद्यालयों और अन्य संगठनों/उद्योगों से भी प्रस्ताव लिए जाएंगे। इस सहयोगात्मक अनुसंधान कार्य में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा बायोमास से ईथेनाल, मीथेनाल, बायो-सीएनजी, एविएशन फ्यूल (विमानीय ईंधन), ग्रीन हाइड्रोजन इत्यादि के उत्पादन को बढ़ाने पर विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। यह समझौता ज्ञापन तीन वर्ष के लिए हस्ताक्षरित है, जिसके पूर्ण होने पर दोनों संस्थानों की समीक्षा और आपसी सहमति के आधार पर अवधि बढ़ायी जा सकती है।
जैव ईंधन के क्षेत्र में नेतृत्व की स्थिति में आएगा भारत
आईआईटी के निदेशक ने बताया कि एनएसआई इस संबध में बाजारगत स्थिति एवं तकनीकी आवश्यकताओं को भलीभांति समझते हुए इस क्षेत्र में लगभग 60 वर्षों से कार्यरत है। इसी प्रकार आईआईटी के पास रसायन एवं अन्य संबंधित तकनीकी में आधारभूत क्षमता है। इसका उद्देश्य जैव ईंधन के क्षेत्र में भारत को नेतृत्व की स्थिति में लाने में सहयोग करने के लिए अत्याधुनिक विशिष्ट केंद्र निर्मित किए जाने के लिए दोनों संस्थाओं की शक्ति को एकीकृत करना है।
प्रेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य
संयुक्त सचिव (शर्करा) ने कहा कि राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 विभिन्न गन्ना आधारित फीडस्टॉक से इथेनॉल के उत्पादन के साथ-साथ, इथेनॉल के उत्पादन के लिए अधिशेष खाद्यान्न के उपयोग की अनुमति देती है। पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रित (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत, सरकार ने 2025 तक पेट्रोल के साथ इथेनॉल के 20 फीसदी मिश्रण का लक्ष्य तय किया है। गन्ना आधारित फीड-स्टाक की सीमित उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए देश में इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार के जरिए इथेनॉल के उत्पादन के लिए मक्के को एक प्रमुख फीडस्टॉक के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की होगी स्थापना
एनएसआई निदेशक ने बताया कि सभी आवश्यक उपकरण, पायलट प्लांट और यंत्रों के साथ केन्द्रीय उपकरण की सुविधा से युक्त एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला सहित इस विशिष्ट कार्य के लिए एक समर्पित भवन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए राष्ट्रीय शर्करा संस्थान परिसर में स्थापित किया जाएगा। इसकी कुल लागत राशि मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाएगी।
एनएसआई के मुख्य अभिकल्पक अखिलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि यह समझौता ज्ञापन जैव ईंधन प्रौद्योगिकी की व्यवहार्यता को प्रदर्शित करने के लिए पायलट परियोजनाओं को स्थापित करते हुये उन्नत, दीर्घकालिक और उच्च गुणवत्ता वाले जैव ईँधन के उत्पादन का मार्ग प्रशस्त करेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/दीपक/पवन