तीसरी बार आईआईटी कानपुर को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से किया गया सम्मानित
कानपुर, 06 फरवरी (हि.स.)। अपने अग्रणी प्रौद्योगिकी नवाचारों के लिए प्रसिद्ध भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) को बेंगलुरु में आयोजित वार्षिक एसटीईएम समिट सम्मेलन-2024 के दौरान प्रभावशाली प्रौद्योगिकी हस्तांतरण गतिविधियों में संलग्न होने के लिए प्रतिष्ठित एसटीईएम इम्पैक्ट अवार्ड्स-2024 से सम्मानित किया गया है।
आईआईटी को 'नेत्रहीनों और दृष्टि बाधितों के लिए हैप्टिक स्मार्ट वॉच' के आविष्कार के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ उत्पन्न सामाजिक-आर्थिक प्रभाव की मान्यता में लगातार तीसरी बार यह पुरस्कार दिया गया है।
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. एस. गणेश ने कहा कि नवाचार और उत्कृष्टता के एक गतिशील केंद्र के रूप में, आईआईटी हमारे समाज की मांगों को पूरा करने वाले व्यापक समाधान विकसित करने के लिए समर्पित है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार संस्थान में अनुसंधान और विकास के विस्तारित परिदृश्य पर जोर देता है, और हम लगातार तीसरी बार यह मान्यता प्राप्त करके गौरवान्वित हैं।
उन्होंने बताया कि आईआईटी की ओर से प्रो. अंकुश शर्मा, प्रोफेसर प्रभारी, स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर, आईआईटी और प्रो. सिद्धार्थ पांडा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग और नेशनल सेंटर ऑफ फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स, (एनसीफ्लेक्सई), आईआईटी के समन्वयक ने संयुक्त रूप से एसोसिएशन ऑफ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर प्रोफेशनल के अध्यक्ष एल्विन वोंग से पुरस्कार प्राप्त किया।
मैं प्रो.सिद्धार्थ पांडा और उनकी टीम को 'नेत्रहीनों और दृष्टि बाधितों के लिए हैप्टिक स्मार्ट वॉच' के क्रांतिकारी विकास में शामिल होने के लिए बधाई देता हूं। उन्होंने बताया कि एसटीईएम (सोसाइटी फॉर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट) एक गैर-लाभकारी संगठन है जो प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रक्रियाओं और जीवन विज्ञान, सामग्री विज्ञान, आईटी, इंजीनियरिंग, कानून और अन्य में प्रौद्योगिकी प्रबंधन पेशेवरों के व्यावसायिक विकास के लिए एक सुविधाजनक वातावरण प्रदान करता है।
आईआईटी समाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए संभावित उद्योग भागीदारों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है। संस्था का लक्ष्य नवीन तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देने और अवसर प्रदान करके देश की आर्थिक और सामाजिक उन्नति में योगदान देना है, जिससे 'मेक इन इंडिया' पहल को प्रोत्साहित किया जा सके।
हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/दीपक/सियाराम