मेडटेक और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में नवाचार का भविष्य: प्रो.एस.गणेश
कानपुर,08 नवम्बर(हि.स.)। मेडटेक और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में नवाचार का भविष्य है। इंजीनियरिंग और चिकित्सा के गतिशील अंतर्संबंध पर विशेष जोर देने के साथ कई विषयों के अभिसरण पर निर्भर करता है। यह बात मेहता फैमिली फाउंडेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी में मंगलवार की रात आईआईटी कानपुर के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर एस गणेश ने कही।
उन्होंने कहाकि हम परिसर में एमएफसीईएम की स्थापना करके बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग के अंतःविषय क्षेत्र में अत्याधुनिक अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में उनके उदार योगदान के लिए राहुल मेहता और मेहता फैमिली फाउंडेशन के प्रति अपनी गहरी सराहना व्यक्त करते हैं।
एस.गणेश ने बताया कि आईआईटी कानपुर ने बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग नवाचारों में सफलताओं को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से मेहता फैमिली सेंटर फॉर इंजीनियरिंग इन मेडिसिन (एमएफसीईएम) का उद्घाटन किया। इस केंद्र की स्थापना भूपत और ज्योति मेहता फैमिली फाउंडेशन (एमएफएफ) के राहुल मेहता के उदार सहयोग से की गई है और 6 नवंबर, 2023 को दो दिवसीय उद्घाटन संगोष्ठी के साथ इसका औपचारिक उद्घाटन किया गया। यह केंद्र इंजीनियरिंग और चिकित्सा के अभिसरण पर अनुसंधान के लिए सहयोग करने के लिए शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को एक साथ लाएगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ.अभय करंदीकर ने मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की। राहुल मेहता ने केंद्र के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया जो अगली पीढ़ी के स्वास्थ्य सेवा नवाचार को आगे बढ़ाने और विभिन्न इंजीनियरिंग और चिकित्सा विषयों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन डिएगो (यूसीएसडी) में बायो इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति और केंद्र के सलाहकार डॉ.शंकर सुब्रमण्यम भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत औपचारिक रिबन काटने और एक स्मारक पट्टिका के अनावरण के साथ हुई, जो उत्कृष्टता के इस अद्वितीय केंद्र की स्थापना में मेहता परिवार के महत्वपूर्ण योगदान का प्रतीक है।
मेहता फैमिली फाउंडेशन के राहुल मेहता ने कहा मेहता फैमिली फाउंडेशन के तहत, शुरुआत से ही हमारी प्राथमिकता जीवन की गुणवत्ता की पहल का समर्थन करना रही है। हमने वैश्विक शैक्षणिक सहयोग के माध्यम से बौद्धिक प्रतिभा को पोषित करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा को आगे बढ़ाने की दृष्टि से 100 से अधिक संगठनों को वित्त पोषित किया है। आईआईटी कानपुर में एमएफसीईएम उसी लक्ष्य के साथ संरेखित है, और इसके माध्यम से, हम चिकित्सा और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अनुसंधान को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो के डॉ. शंकर सुब्रमण्यम और केंद्र के सलाहकार ने कहा, 'आज के समय में इंजीनियरिंग और चिकित्सा के इंटरफेस पर चुनौतियां एक बहु-विषयक दृष्टिकोण को अनिवार्य करती हैं।
एमएफसीईएम के समन्वयक प्रोफेसर नितिन गुप्ता ने कहा 'एमएफसीईएम की स्थापना भारत और दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से अनुसंधान और विकास के लिए समर्पित एक अग्रणी संस्थान के रूप में आईआईटी कानपुर की स्थिति को मजबूत करती है।
आईआईटी बॉम्बे के डॉ. शमिक सेन ने स्टेम सेल निचेस की इंजीनियरिंग और भौतिक सूक्ष्म वातावरण द्वारा उनके विनियमन को समझने पर मुख्य भाषण दिया। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर जयंधरनराव ने स्वदेशी जीन थेरेपी प्रौद्योगिकियों और अवधारणा से उनके क्लीनिकल प्रयोगों तक की यात्रा के बारे में बात की।
एमएफसीईएम चिकित्सा समस्याओं के लिए नवीन और टिकाऊ इंजीनियरिंग समाधान विकसित करने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रहा है। केंद्र आईआईटी कानपुर की मौजूदा ताकत पर आधारित है और इसमें विभिन्न इंजीनियरिंग और विज्ञान विभागों के संकाय, जैसे: जैविक विज्ञान और बायो इंजीनियरिंग (बीएसबीई), कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, रसायन विज्ञान और संज्ञानात्मक विज्ञान शामिल हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/राजेश