नौतपा में भरपूर गर्मी से होती है अच्छी बरसात, नष्ट होते हैं कीड़े

 


सुबह होते ही आसमान से बरसने लगी आग, जनजीवन अस्तव्यस्त

हमीरपुर, 29 मई (हि.स.)। आधुनिक विज्ञान जिसकी कल्पना भी नहीं कर सकता है, उसको हमारे पूर्वजों ने बिना मौसम विज्ञान, एस्ट्रोफिजिक्स, घड़ी के उस समय से यह तय कर रखा था की जेठ के माह में 'नौ दिन ऐसे रहेंगे जिन पर तापमान और गर्म हवाएं चरम पर रहेंगी और यही नहीं यह भी बताया कि इन नौ दिनों का महत्व क्या है।

दो मूसा,दो कातरा,दो टीडी दो ताय।

दो की बादी जक हरे, दो वेशवर दो वाय।।

नौतपा के पहले दो दिन लू न चली चूहे बहुत हो जायेंगे। अगले दो दिन लू न चली तो फसल को नुकसान करने वाले कीट पतंगे बहुत हो जायेंगे। तीसरे दो दिन से लू नहीं चली तो टिड्डियो के अंडे नष्ट नहीं होंगे। चौथे दो लू न चलने से बुखार लाने वाले जीवाणु नहीं मरेंगे। इसके बाद दो दिन लू नहीं चली विश्ववर यानी सांप बिच्छू नियंत्रण से बाहर हो जायेंगे। आखिरी दो दिन लू नहीं चली तो आंधियां अधिक चलेंगी। फसले चौपट कर देंगी।

पुराने किसान बुजुर्ग लोग बताते हैं कि नौतपा में भरपूर गर्मी न पड़े तो मानसून में अच्छी बरसात भी नहीं होती है। इन दिनों में वर्षा,ओला वृष्टि या मामूली छींटे पड़ जाते हैं तो आगामी मानसून कमजोर हो सकता है। इन दिनों में शरीर तेजी से डिहाइड्रेट होता है।जिसके कारण डायरिया,पेचिस,उल्टियां होने की संभावना बढ़ जाती है। तेज गर्मी से निजात पाने के लिए खूब पानी पिएं। लू से भयभीत न हो। अपना बचाव रखें।

सुबह होते ही आसमान से बरसने लगी आग, जनजीवन अस्तव्यस्त

हमीरपुर जिले में बढ़ते तापमान से यहां बुधवार को आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। सुबह नौ बजे से सड़कों पर सन्नाटा पसर गया है। बस स्टॉप और सार्वजनिक स्थानों पर भी लोग तेज धूप से बचने के लिए पेड़ों की छांव ढूंढते नजर आए। सबसे ज्यादा गर्मी की मार दो जून की रोटी कमाने वालों पर पड़ रही है। आज तेज धूप के कारण एक युवक हैंडपंप से अपने सिर पर पानी खूब डाला। वहीं अस्पतालों में लू और तेज धूप के कारण डायरिया बीमारी से पीड़ित लोगों की भीड़ उमड़ी। समाचार लिखे जाने तक यहां का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है। जबकि न्यूनतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/राजेश