गंगा में प्रदूषण मिला तो जेल जाएंगे जिम्मेदार अधिकारी : प्रमुख सचिव

 


कानपुर,10 जनवरी(हि.स.)। नमामि गंगे प्रोजेक्ट एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है और माघ मेला भी नजदीक है इस दौरान गंगा में किसी भी प्रकार की कोई गंदगी नहीं जानी चाहिए, यह प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। यदि गंगा में प्रदूषण मिला तो जेल जाएंगे जिम्मेदार अधिकारी एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी व कर्मचारी। यह बात बुधवार को कानपुर सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक करते हुए उत्तर प्रदेश के नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने दिया है।

प्रमुख सचिव ने निर्देश देते हुए कहा कि गंगा को स्वच्छ रखने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं जिसका यह अंतिम चरण है इस चरण में कहीं कोई कमी ना रह जाए। समीक्षा बैठक में स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गंगा सफाई, एसटीपी संचालन, जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना के संबंध में जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर,जल निगम व जलकल विभाग और अन्य अधिकारियों कड़ा निर्देश दिया है।

सीसामऊ नाला की गन्दगी गंगा में जाने के संबंध में सवाल पूछे जाने पर प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि जब गंदगी की सूचना आती है तो तुरंत एक्शन लेकर डायवर्ट करके कार्यवाही की जाती ताकि है क्योंकि गंगा में कोई भी दूषित जल न जाने पाए।

प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने सभी कंपनियों को पैसा दिया है तो सभी कंपनियों को पैसा समय से जमा करेंगे? इसके साथ अगर बिजली नहीं भी है तो डीजल का उपयोग करके जल निगम के कार्यों को करेंगे। लेकिन किसी भी कंडीशन में गंगा में दूषित जल और गंदगी न जाए जिसके लिए सभी को कड़े निर्देश दिए गए हैं और अगर कोई भी निर्देशों का अनुपालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/पदुम नारायण