महिला दिवस पर विशेष : बेकार को आकार देकर बनाई पहचान

 












अभिनव पहल का समाज और सरकार ने किया सम्मान

झांसी की नीलम सारंगी ने अनूठी पहल से कायम की पहचान

कबाड़ से सजावटी कृतियां तैयार कर दे रहीं पर्यावरण संरक्षण का संदेश

झांसी, 07 मार्च(हि.स.)। बेकार वस्तुओं को आकार देकर अभिनव पहल करने वाली झांसी की नीलम सारंगी ने अपनी कला के दम पर अलग पहचान कायम करने में सफलता हासिल की है। पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के संदेश के साथ उन्होंने रोजमर्रा के घरेलू कबाड़ों और बेकार हो चुके सामानों को उपयोग में लाने की जो पहल अपने घर से शुरू की,वह पूरे झांसी शहर में नजीर बन चुकी है। उनकी इस पहल को न सिर्फ झांसी नगर निगम ने सराहा,बल्कि योगी सरकार उन्हें प्रदेश स्तर पर सम्मानित भी कर चुकी है।

घर से शुरू किया प्रयोग

लगभग छह साल पहले अपने घर से 'बेकार को आकार' नाम से पहल की शुरुआत करने वाली नीलम सारंगी घरेलू, शोरूम, कारखाने के कबाड़ के साथ-साथ लकड़ी व लोहे आदि के स्क्रैप से खूबसूरत आकर्षित सजावटी वस्तुएं बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है। नीलम सारंगी ने झांसी में नगर निगम के साथ मिलकर बेकार वस्तुओं से साहनी विहार पार्क और पूरे झांसी शहर में कचरे की जगह पर खूबसूरत सेल्फी प्वाइंट तैयार कराने में सहयोग किया है। घर में ख़राब हो जाने वाली वस्तुओं के उपयोग की तकनीकी सिखाते हुए उन्होंने नगर निगम झांसी के साथ मिलकर काम किया। इसके साथ ही कबाड़ और घरेलू ठोस वेस्ट के उपयोग को लेकर कई तरह के काम उन्होंने किये हैं। इन सजावटी सामानों की बिक्री के लिए उन्होंने आउटलेट भी शुरू किया है और महिलाओं को प्रशिक्षण देने का काम कर रही हैं। केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान के लिए कुछ दिनों पहले नीलम ने प्लास्टिक के खराब बोतलों के ढक्कन से लोगो तैयार किया है। बेकार को आकार के तहत बनी कृतियों की बिक्री के लिए नीलम को 'एक स्टेशन एक उत्पाद योजना' में झांसी रेलवे स्टेशन पर स्टाल आवंटित किया जा चुका है।

प्रदेश स्तर पर मिला सम्मान

नीलम की इस पहल के उन्हें कई सम्मान भी प्राप्त हो चुके हैं और काफी सराहना भी हुई है। स्वच्छ भारत मिशन नगरीय, राज्य मिशन निदेशालय लखनऊ द्वारा 15 अगस्त 2023 को स्वतंत्रता दिवस पर नवदेवी सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। प्रदेश स्तर पर झांसी नगर निगम क्षेत्र की नीलम सारंगी को वेस्ट टू वेल्थ कैटेगरी में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। नीलम सारंगी कहती हैं कि वे इस पहल को आगे बढ़ाते हुए अधिक से अधिक लोगों को इस कला से जोड़ना चाहती हैं और महिलाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चला रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/राजेश