वाराणसी में गुरूवार से पहले स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन सेल जलयान की शुरूआत

 


—केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल नमोघाट से हरी झंडी दिखाकर करेंगे रवाना,इसे वाटर टैक्सी के रूप में चलाया जाएगा

वाराणसी,10 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में गुरूवार से गंगा नदी में पहली बार स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन सेल जलयान चलेगा। केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल नमो घाट से इसका शुभारंभ करेंगे। पूरे एक साल के परीक्षण के बाद इसमें 50 यात्री सवार हो सकेंगे। अंतरदेशीय भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) इसे वाटर टैक्सी के रूप में फिलहाल नमोघाट से रविदासघाट के मध्य चलाएगा। आगे चलकर इसे असि घाट और कैथी स्थित मार्केंडय महादेव धाम तक चलाया जाएगा। सुबह 10 बजे से शाम आठ बजे तक इसका नियमित परिचालन होगा।

अफसरों के अनुसार पूर्णतया स्वदेशी इस जलयान का निर्माण कोच्चि शिपयार्ड में हुआ है। इसकी लागत लगभग 10 करोड़ रुपये है। जलयान के शुभारंभ के अवसर पर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह,आयुष मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र 'दयालु',महापौर वाराणसी अशोक तिवारी भी नमोघाट पर मौजूद रहेंगे। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अफसरों के अनुसार यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के अंतर्देशीय जलमार्गों के चल रहे आधुनिकीकरण का एक हिस्सा है, जिन्होंने स्वच्छ परिवहन, बेहतर संपर्क और बढ़ी हुई जन सुविधा को प्राथमिकता दी है। हाल के वर्षों में, भारत सरकार और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने जल-आधारित संचार को मज़बूत करने और रसद लागत (लॉजिस्टिक) को कम करने के लिए नौवहन चैनलों का विस्तार किया है, आधुनिक टर्मिनल स्थापित किए हैं और नए यात्री एवं मालवाहक मार्गों का संचालन शुरू किया है। स्थानीय नमो घाट पर इस परियोजना के शुभारंभ से वाराणसी भारत की हरित जलमार्ग पहल में अग्रणी स्थान पर आ गया है ।

—मंत्रालय के सचिव विजय कुमार ने कमिश्नरी सभागार में की बैठक

नमोघाट से पहले स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन सेल जलयान के रवानगी के पूर्व संध्या पर बुधवार शाम पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव विजय कुमार ने कमिश्नरी सभागार में बैठक की। उन्होंने समीक्षा बैठक में वाराणसी में क्षेत्र में चल रही विभिन्न अंतर्देशीय जल परिवहन परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। बैठक में वाराणसी को एक प्रमुख आईडब्ल्यूटी हब के रूप में विकसित करने की परिकल्पना तथा इसकी वर्तमान में प्रगति पर चर्चा हुई। इसमें मल्टी-मोडल टर्मिनल की कार्गो हैंडलिंग क्षमता का विस्तार, सामुदायिक जेट्टियों का विकास, क्विक पोंटून ओपनिंग मैकेनिज्म में प्रगति, प्रस्तावित फ्रेट विलेज, शिप रिपेयर सुविधा, क्रूज़ टर्मिनल, शहरी वाटर मेट्रो तथा इलेक्ट्रिक एवं हाइड्रोजन जलयान की शुरुआत शामिल हैं।

सचिव ने विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा कि अवसंरचना निर्माण, फेयरवे विकास, कनेक्टिविटी बढ़ाने और क्षेत्र में अंतर्देशीय जल परिवहन को सुदृढ़ करने के लिए प्रभावी अंतर-एजेंसी समन्वय अत्यंत आवश्यक है। बैठक में मंडलायुक्त एस राजलिंगम सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी के साथ सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के अधिकारी भी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी