सत्ता और धन की लोभी हुई मानवता : रमेश भाई ओझा

 


मीरजापुर, 25 नवम्बर (हि.स.)। काशी-विंध्य के बीच गंगा किनारे गड़ौली धाम में नौ दिवसीय शिव चरित रामकथा के आठवें दिन शनिवार को राष्ट्रीय कथावाचक रमेश भाई ओझा ने मानस मर्मज्ञ पं. रामकिंकर उपाध्याय को याद किया।

उन्होंने कहा कि मानस मर्मज्ञ अपने जीवन के 78 वर्ष की आयु में से 49 वर्ष तक प्रभु श्रीराम की कथा का वर्णन करते रहे और अपना पूरा जीवन रामजी को ही समर्पित कर दिया। राष्ट्रीय कथा वाचक रमेश भाई ओझा ने कहा कि आजकल का मनुष्य सत्ता के लिए, धन के लिए अपना चरित्र तक भूलने के लिए तैयार है। शनिवार की चर्चा चरित्र पर भगवान राम और भगवान शिव दोनों का चरित्र वर्णन किया गया। कहा कि यह तो पवित्र रामायण में लिखा गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/राजेश