सावधानी हटी तो गर्मी में लू लगने यानी हीट स्ट्रोक से हो सकती है गंभीर स्थिति
कानपुर, 02 मई (हि.स.)। गर्मी के मौसम में यदि सावधानी हटी तो लू लगने यानी हीट स्ट्रोक से गंभीर स्थित उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में समय रहते यदि बचाव नहीं किया गया तो ब्रेन स्ट्रोक खतरा बढ़ जाता है। यह जानकारी गुरुवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कृषि विज्ञान केन्द्र दिलीप नगर की गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने दी।
उन्होंने बताया कि गर्मी हर रोज तेजी से बढ़ रही है। गर्मी में लू लगना मौसम से जुड़ी एक स्वास्थ्य समस्या है। लू लगने यानि हीट स्ट्रोक के कारण कई बार स्थिति गंभीर हो सकती है। लंबे समय तक धूप में रहने या शरीर में डिहाइड्रेशन की स्थिति पैदा होने पर लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। अगर लू लगने के संकेत तुरंत नहीं समझे तो परेशानी हो सकती है और परेशानी ज्यादा बढ़ने पर ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है।
जाने गर्मी में क्यों बढ़ता है स्ट्रोक का खतरा?
डॉ. अवस्थी ने बताया कि हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक गर्मी बढ़ने के कारण शरीर खुद को ठंडा ठीक से नहीं कर पाता है, इसके कारण ब्लड थिक होने लगता है। इस स्थिति को हाइपरकोएगुएबल स्टेट कहते हैं। गर्मी ज्यादा बढ़ने के कारण ब्लड क्लॉट होने का खतरा बढ़ जाता है, जिसके कारण स्ट्रोक का जोखिम बढ़ता है। इसलिए गर्मी में जरूरी है कि खुद को हाइड्रेट रखें।
लू लगने के लक्षण
उन्होंने बताया कि अगर आपके शरीर का तापमान 104°F (40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है और टेंपरेचर को कंट्रोल नहीं कर पा रहा है तो समझ लें आपको लू लग गई है। अगर बहुत भ्रम और चिड़चिड़ापन जैसी स्थिति हो रही है इंसान कुछ समझ नहीं पा रहा है तो ऐसा दिमाग पर हाई टेंपरेचर के कारण हो सकता है। स्किन का रंग लाल, गर्म और डाई होना भी लू लगने के लक्षण हैं। अक्सर लू लगने पर पसीना नहीं आता है। हार्ट संबंधी तनाव पैदा होना जैसे कि हार्ट बीट तेज होना भी लू लगने के कारण हो सकती है। तंत्रिका से जुड़ी समस्याएं जैसे सिरदर्द, चक्कर आना, और गंभीर मामलों में दौरा भी लू लगने के कारण हो सकता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी समस्याएं जिसमें उल्टी, मतली और दस्त होना भी लू लगने के लक्षण हो सकते हैं।
लू लगने पर क्या बचाव करें?
निमिषा अवस्थी ने बताया कि अगर किसी को लू लग जाए तो उसे सबसे पहले पानी पिलाएं और शरीर को हाइड्रेट रखने की कोशिश करें। जिससे लू के असर को कम किया जाए। लू से बचने के लिए धूप में कम से कम निकलें। अगर निकल रहे हैं तो छाया या किसी सूती कपड़े से खुद को कवर करके रखें। कोशिश करें शरीर को ठंडा रखने की इसलिए पंखा और कूलर में ही रहें। गर्मी और लू से बचने के लिए जरूरी है कि हल्के और हवा पास होने वाले सूती कपड़े पहनें। इससे पसीना निकलने में मदद मिलती है और गर्मी कम लगती है।
उन्होंने बताया कि एकदम से धूम में जाने से बचें। अगर आप एसी से निकल रहे हैं तो सीधे धूप में न जाएं। शरीर के तापमान को बैलेंस करने की कोशिश करें। अगर आप धूप में कुछ शारीरिक श्रम कर रहे हैं तो बीच-बीच में ब्रेक लें और शरीर को तनाव मुक्त होने दें। लगातार पानी पीते रहें और शरीर को हाइड्रेट (जलयोजित) रखें। गर्मियों में आम का रस और पना पिएं, फलों का जूस पिएं, नारियल पानी पिएं और पुदीना और नींबू का सेवन करें। इससे शरीर में पानी की कमी को दूर किया जा सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार/ राम बहादुर/बृजनंदन