बीएचयू की हरलीन कौर विश्व के शीर्ष 40 युवा मनोवैज्ञानिकों में शामिल

 


वाराणसी, 08 दिसम्बर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में आईसीएसएसआर जेआरएफ फेलो हरलीन कौर विश्व के शीर्ष 40 युवा मनोवैज्ञानिकों में शामिल की गई है। हरलीन कौर को इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ साइकोलॉजी (आईसीपी) ने मनोवैज्ञानिक कार्यक्रम (ईपीपी) के लिए चुना है। आईसीपी दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे प्रभावशाली मनोवैज्ञानिक घटना है।

कार्यक्रम का आयोजन आईसीपी, इंटरनेशनल यूनियन ऑफ साइकोलॉजिकल साइंस, यूनियन ऑफ साइकोलॉजिस्ट एसोसिएशन ऑफ द चेक रिपब्लिक और चेक-मोरावियन साइकोलॉजिकल सोसायटी की ओर से किया जाता है। यह कार्यक्रम जनवरी 2024 में शुरू होगा और हरलीन विश्व मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। आमने-सामने का अभ्यास जुलाई 2024 में प्रयाग में होगा। बीएचयू जनसम्पर्क कार्यालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। बताया गया कि मनोविज्ञान में उभरते वैज्ञानिकों के लिए ईपीपी डिज़ाइन किया गया। आईसीपी के वैज्ञानिक कार्यक्रम का यह एक अभिन्न अंग है, जिसमें इन चयनित युवाओं के बीच संचार और सहयोग को बढ़ावा देने के इरादे से दुनिया भर से 40 प्रारंभिक-कॅरियर शोधकर्ताओं को 'उभरते मनोवैज्ञानिक' के रूप में चुना जाता है। विभिन्न देशों और विविध सांस्कृतिक पृष्ठ भूमियों के वैज्ञानिक और भाॅवी नेता इसमें शामिल होते है। उभरते मनोवैज्ञानिक कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न देशों और विविध सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के उभरते मनोवैज्ञानिकों के बीच संचार को बढ़ाना, स्थापित और युवा वैज्ञानिकों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना और युवा वैज्ञानिकों को सामान्य रूप से मनोविज्ञान और मनोविज्ञान के विशिष्ट क्षेत्रों में नई अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में मदद करना है। हरलीन कौर ने अपने डॉक्टरेट कार्यकाल में कई फ़ेलोशिप हासिल की हैं और यह सबसे प्रतिष्ठित में से एक है। डॉ. तुषार सिंह के मार्गदर्शन में हरलीन शोधकार्य कर रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दिलीप