आनंद का पर्व है हरियाली तीज : प्रीति अवस्थी

 




कानपुर, 07 अगस्त (हि.स.)। भारत देश में अनेकानेक पर्व मनाए जाते हैं, उन सबका अपना-अपना विशिष्ट महत्व है। इसी कड़ी में श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज के रुप में मनाया जाता है। इसे 'मधुश्रवा तीज' भी कहते हैं। यह वर्षा ऋतु के मध्य का समय होता है। सभी ओर हरियाली ही हरियाली दिखायी पड़ती है। लहलहाते खेत, झूमते हुए पेड़-पौधे, उफनाती हुयी नदियां, तालाब प्रकृति की सुन्दरता में चार चांद लगा देते हैं, जिन्हें देखकर मन हर्षित हो जाता है। यह आनन्द का पर्व है, इसका धर्म और स्वास्थ्य से भी सीधा सम्बन्ध है। यह बातें बुधवार को ज्योति महिला समिति की संस्थापिका प्रीति अवस्थी ने कही।

बी.एन.एस.डी. शिक्षा निकेतन इण्टर काॅलेज बेनाझाबर में बुधवार को 'हरियाली तीज' उत्सव का आयोजन किया गया। समारोह की मुख्य अतिथि ज्योति महिला समिति की संस्थापिका प्रीति अवस्थी ने कहा कि हरियाली तीज पर शंकर-पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है, यह सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए विशेष महत्व का है। हम प्रकृति के बीच में रहते हैं। प्रकृति का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। प्रकृति को देखकर मन प्रसन्न होता है। गीत-संगीत के भाव और मधुर ध्वनि परम आनन्द ही नहीं देती वरन् मानसिक स्वास्थ्य को भी अच्छा बनाती है। उत्सव का गीत संगीत कला, चित्रकला, मेंहदी लगाने की कला, नृत्य कला से सीधा सम्बन्ध है। महिलाओं को किसी न किसी कला से अवश्य जुड़ना चाहिए, कलायें व्यक्तित्व का विकास करती हैं।

वहीं तीज उत्सव पर ललित कला एकेडमी की प्रधानाचार्या कविता सिंह के निर्देशन में श्वेता, अभिव्यंजना, सलमा, स्नेहा, कुशाग्र, पिहू पाण्डे, अनुष्का पाल आदि ने सुमधुर गीतों की प्रस्तुति की। कक्षा अष्टम की छात्राओं ने नृत्य, विद्यालय की आचार्या अन्तिमा ने एकल गीत एवं समस्त आचार्या बहनों ने लोकगीत प्रस्तुत किया। अनेकानेक गीतों से सभागार आनन्द से परिपूर्ण हो गया। छात्राओं ने झूला झूल कर आनन्द लिया तथा मेंहदी लगाने का कार्यक्रम भी सम्पन्न हुआ। इस दौरान प्रधानाचार्य बृजमोहन कुमार सिंह, उपप्रधानाचार्या मंजूबाला श्रीवास्तव, शिक्षिका रश्मि मिश्रा, आरती जोशी और विद्यालय की शिक्षिकाएं, अभिभाविकाएं एवं छात्राएं उपस्थित रही।

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हिन्दुस्थान समाचार / अजय सिंह / बृजनंदन यादव