हरगिज कदम न रखिये गुनाहों की राह में, किसको मजा मिला हैं कांटो की छाँव में...
मुरादाबाद, 26 नवम्बर (हि.स.)। मुरादाबाद जिला कारागार में रविवार को आयोजित धर्म सभा को जिनधर्म प्रभाविका, वात्सल्य मूर्ति आर्यिकारत्न श्री सृष्टि भूषण माता ने सम्बोधित किया। हरगिज कदम न रखिये, गुनाहों की राह में किसको मजा मिला है, काँटो की छाँव में। यह लाइनें सुनाते हुए सृष्टि भूषण माता ने कहा कि यहाँ से एक दिन मुक्ति मिल जाएगी लेकिन दुबारा इस जीवन को नर्क बनाने का कोई कार्य नहीं करना। जब मुक्त हो जाओ अपने जीवन को बदलना समाज के बीच अच्छे कार्य कर लोगों के लिये आदर्श प्रस्तुत करना। यहाँ भी परमात्मा का स्मरण करें। यहाँ से जाकर यह मत सोचना कि उसकी वजह से मुझे जेल जाना पड़ा मैं उसको छोड़ूँगा नहीं।
सृष्टि भूषण माता ने आगे कहा कि ''क्या मिलेगा मारकर, किसी को जान से। मारना हो तो मार डालो, उसे अहसान से। दुश्मन मर नहीं सकता, कभी भी नुकसान से और सिर उठाकर, चल नहीं सकता मरा हुआ अहसान से''... ''दुश्मन को हजार मौके देना दोस्त बनाने के लिये, लेकिन दोस्त को एक भी मौका मत देना दुश्मन बनाने के लिये''
''ऐसा न सोचे कि हमारे भाग्य में ऐसा लिखा था हमारे, हाथ की लकीरों में ऐसा लिखा था। भाग्य तो उनके भी होते हैं जिनके हाथ ही नहीं होते'' इसलिये पुरुषार्थ कीजिये।
सृष्टि भूषण माता ने कहा यहाँ उपस्थित लोगों ने कुछ अपराध किया होगा कुछ ऐसे भी होंगे जो बिना किसी अपराध के फँस गए होंगे कुछ ऐसे भी जिन्हें मजबूरन यानी अपनी जान बचाने के लिए कोई अपराध करना पड़ा होगा। लेकिन समय का चक्र उनको यहाँ ले आया।
इस अवसर पर दिगम्बर जैन समाज मुरादाबाद के अध्यक्ष अनिल जैन ने जेलर मृत्युंजय पांडे एवं विजय कुमार गुप्ता के साथ उनकी पूरी टीम का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुये पवन जैन ने कहा कि आज हमारे सौभाग्य का विषय है कि आज गुरुमाँ हमारे बीच उपस्थित हुई है प्रकृति का नियम है कि प्यासा कुएँ के पास जाता है लेकिन यह आप सबका परम सौभाग्य है कि कुआँ ही प्यासे के पास आ गया हैं।
इस अवसर पर वर्षायोग समिति के संयोजक अरविन्द जैन, दिगम्बर जैन मन्दिर रामगंगा विहार के अध्यक्ष संदीप जैन एवं गौरी जैन ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर माता जी की प्रेरणा से सृष्टि मंगलम ट्रस्ट ने सभी महिला कैदियों को साड़ियाँ उनके बच्चों को कपड़े, जैन समाज ने सभी कैदियों को फल वितरित किये।
हिन्दुस्थान समाचार/निमित जायसवाल
/बृजनंदन