ग्लोबल इन्वेस्टर समिट और ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी ने उप्र को दी नई औद्योगिक पहचान : नंदी
देश में निवेश का गंतव्य बन चुका है यूपी, 4,874 परियोजनाएं हुई शुरू, 8 लाख 18 हजार 179 रोजगार हुए सृजित
लखनऊ, 30 जुलाई (हि.स.)। विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा एवं डॉ. मान सिंह यादव द्वारा उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास के साथ ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर 400 मीटर के सर्विस लेन निर्माण और प्रदेश में औद्योगिक निवेश और रोजगार सृजन को लेकर सवाल पूछे।
विधान मंडल के मानसून सत्र के द्वितीय दिन प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने विपक्ष के नेताओं के सवालों का बहुत ही दमदारी के साथ जवाब दिया। मंत्री नन्दी के जवाब ने सवाल करने वालों की बोलती बंद कर दी। मंत्री नन्दी ने कहा कि 2017 के पहले जो उत्तर प्रदेश उद्योग विहीन हो गया था। निवेशक प्रदेश में निवेश करने से घबराते थे। आज वही उत्तर प्रदेश, प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में निवेश का गंतव्य बन चुका है।
उल्लेखनीय है कि विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर चैनेज नंबर 196 से 197.300 के बीच जनपद कन्नौज के तिर्वा क्षेत्र में 400 मीटर लंबे सर्विस लेन का निर्माण कार्य पूरा न होने को लेकर सवाल उठाया था। सवाल का जवाब देते हुए मंत्री नन्दी ने मंगलवार को कहा कि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर जिस स्थान पर 400 मीटर सर्विस लेन का निर्माण न होने की बात कही जा रही है, वह किसानों से भूमि अधिग्रहण न होने पाने के कारण लम्बित था, जिसे अब पूरा कर लिया गया है। भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। लोकसभा चुनाव एवं आचार संहिता के कारण सर्विस रोड निर्माण का टेंडर नहीं हो पाया था। 21 अगस्त 2024 तक निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। निविदा कार्य सम्पन्न होने के बाद नौ महीने के अंदर निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। मंत्री नन्दी ने कहा कि तत्समय सर्विस रोड का निर्माण न होने एवं अन्य संपादित किए जाने वाले कार्यों के न होने के कारण ईपीसी कांट्रेक्टर के देयक से 6 करोड़ 95 लाख 94 हजार 262 रूपए की धनराशि रोक ली गई थी।
इसी तरह विधान परिषद सदस्य डॉ. मान सिंह यादव ने सवाल पूछा था कि इन्वेस्टर समिट के माध्यम से आई कम्पनियों में से कितनी कम्पनियों का 11 मार्च 2024 तक सुचारू रूप से कार्य आरम्भ हो गया है और उसके अंतर्गत कितने बेरोजगार नवयुवकों को रोजगार प्राप्त हुआ है। उनके इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री नन्दी ने कहा कि प्रथम इन्वेस्टर समिट 2018 में 4.28 लाख करोड़ के 1045 एमओयू हस्ताक्षरित हुए थे। जिसे धरातल पर लाने के लिए तीन ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी हुई। जिसके माध्यम से 890 परियोजनाएं कार्यशील हुईं और चार लाख 40 हजार 137 रोजगार सृजित हुए।
मंत्री नन्दी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वर्ष 2023 उत्तर प्रदेश ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन कर निवेश प्रस्ताव का रिकार्ड बनाया। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2023 में 33.50 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए। फरवरी 2024 में आयोजित ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के जरिये तीन हजार 984 परियोजनाएं क्रियाशील हुईं। जिसके माध्यम से तीन लाख 78 हजार 42 रोजगार सृजित हुए, जो अपने आप में एक रिकार्ड है।
हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा / राजेश