देश की एकता-अखंडता व अस्मिता के प्रतीक हैं महापुरुष: प्रांत प्रचारक

 


मीरजापुर, 24 फरवरी (हि.स.)। सर्वे भवंतु सुखिनः का दर्शन भारत में प्राचीनकाल से था। यहां कि आध्यात्मिक सांस्कृतिक एवं सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने वाले संतों एवं महापुरुषों के जीवन को आदर्श मान, उनकी तिथियां मनाकर समाज परिवर्तन के लिए संघ लगातार कार्य कर रहा है। उक्त बातें शनिवार को नगर के पुरानी अंजही स्थित श्रीकेसरवानी वैश्य धर्मशाला सभागार में आयोजित संत रविदास जयंती कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत प्रचारक रमेश ने कहीं।

उन्होंने कहा कि संत रविदास किसी पंथ व संप्रदाय के विरोधी नहीं थे। व्यक्ति से नहीं बल्कि विचारों से परहेज करते थे। रविदास और कबीर दोनों एक दूसरे को बड़ा और उपासक मानते थे।

इस दौरान विभाग प्रचारक प्रतोष, सह विभाग संचालक धर्मराज, जिला संघ चालक शरदचंद, जिला प्रचारक धीरज, नगर प्रचारक राजेंद्र प्रथम, नगर संघ चालक अशोक सोनी, विभाग संपर्क प्रमुख केशव तिवारी, विभाग धर्म जागरण प्रमुख वीरेंद्र, जिला कार्यवाह चंद्र मोहन, नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा, मड़िहान रमाशंकर सिंह पटेल, मनोज जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर केसरी, बालेंदु मणि त्रिपाठी, सुचिस्मिता मौर्य, सोहनलाल श्रीमाली, विहिप जिलाध्यक्ष रामचंद्र शुक्ल आदि मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/मोहित