भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक पर निकली भव्य शोभायात्रा,राह में पुष्पवर्षा
— भगवान महावीर के उपदेश आज भी प्रासंगिक,अहिंसा सबसे बड़ा धर्म
वाराणसी, 21 अप्रैल (हि.स.)। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के 2623वें जन्म कल्याणक (जन्मोत्सव) पर रविवार को जैन समाज के लोगों ने भव्य शोभायात्रा निकाली। श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में मैदागिन स्थित श्री बिहारी लाल दिगंबर जैन मंदिर से पूर्वाह्न में भगवान महावीर के विग्रह को चांदी के रथ पर विराजमान कराया गया। इसके बाद पुष्प वर्षा एवं मंगल ध्वनियों के बीच भव्य शोभा यात्रा निकली ।
शोभायात्रा मैदागिन से प्रारंभ होकर बुलानाला, नीचीबाग, आसभैरव, चौक, ठठेरी बाजार होते हुए सोरा कुआं पहुंची । शोभायात्रा में शामिल लोग पूरे राह चैती, धन-धन चैत की तेरस रामा भय महावीरा गाते हुए चल रहे थे। जिस सुसज्जित रथ पर आराध्य देव विराजमान थे उसे श्रद्धालु स्वयं खींच रहे थे। यात्रा में भजन मंडली एवं महिलाओं ने धार्मिक भजनों को गाया। शोभायात्रा में ध्वज पताका, अहिंसा, परमो धर्म का बैनर,समाज का बैनर चल रहा था । बैंड पार्टियां धार्मिक धुन बजाकर माहौल को भक्तिमय बना रही थीं ।
शोभायात्रा में बड़ा रजत हाथी,चंवर गाड़ी, धूप गाड़ी,झंडी गाड़ी, रजत पालकी सभी को आकर्षित कर रही थी । इंद्रगण भगवान को चंवर डोला रहे थे । पुरुष पारंपरिक वेश में केसरिया दुपट्टा ओढ़े भगवान महावीर के संदेशों का गुणगान कर उद्घोष कर रहे थे । रास्ते में लोग पुष्प वर्षा के साथ भगवान तीर्थंकर की आरती एवं शोभायात्रा का स्वागत कर रहे थे ।
सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने रास्ते में शोभायात्रा का स्वागत किया । सोरा कुआं से तीर्थंकर महावीर के विग्रह को इंद्रों ने बड़े रजत रथ पर से उतार कर रजत पालकी पर विराजमान कराया। इसके बाद पालकी को कंधे से उठाकर जय जय जिनेन्द्र देव की,भव सागर नाव खेवकी का उद्घोष करते हुए ग्वालदास साहुलेन स्थित श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर पहुँचे । वहाँ जन्मोत्सव की ख़ुशी में प्राचीन परंपराओं के साथ बधाई गीतों की प्रस्तुति हुई । शहनाई की मंगल ध्वनि के बीच घंटा घड़ियाल,ढोल, मंजीरे के साथ रजत पाण्डुक शिला पर भगवान को विराजमान कर 108 रजत कलशों से अभिषेक एवं विशेष पूजन किया गया।
शोभायात्रा का संकल्प संस्था ने किया स्वागत
भगवान महावीर के 2623वीं जयंती के अवसर पर निकली शोभायात्रा का चौक स्थित श्री कन्हैयालाल गुलालचंद सर्राफ़ के पास संकल्प संस्था के सदस्यों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। शोभायात्रा में शामिल लोगों की शिकंजी एवं जल पिला कर सेवा की गई।
इस मौके पर संकल्प संस्था के संरक्षक अनिल कुमार जैन ने भगवान महावीर के दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं, भगवान का तो मानना था कि अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है जो सबके कल्याण की कामना करता है। किसी के अस्तित्व को मिटाने की अपेक्षा उसे शांति से जीने दो, तभी विश्व कल्याण संभव है। जैन धर्म गुरु का यह उपदेश जियो और जीने दो, शाकाहारी बनो, सादा जीवन, उच्च विचार, संयम को अपनाकर ही हम विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर सकते है।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/बृजनंदन