सरकार कृषि उत्पादों की बेहतर एमएसपी किसानों को दे रही : सूर्य प्रताप शाही

 




- संयुक्त मंडलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2024 में प्रदेश के कृषि मंत्री हुए शामिल

- कृषि मंत्री बोले, पिछले चार वर्षों में कृषि निर्यात में भारी वृद्धि

वाराणसी, 24 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सरकार की नीति एवं किसानों की मेहनत से प्रदेश खाद्य उत्पादन में लगातार पिछले सात वर्षों से प्रथम स्थान पर है। गन्ना में भी प्रदेश प्रथम स्थान बनाये हुए है। सरकार कृषि उत्पादों की बेहतर एमएसपी किसानों को दे रही है। वर्तमान सरकार सिर्फ योजनाओं की घोषणा नहीं अपितु उनका क्रियान्वयन भी सुनिश्चत कर रही है।

कृषि मंत्री सोमवार को चौकाघाट स्थित पद्म विभूषण गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल में आयोजित वाराणसी, प्रयागराज एवं विन्ध्याचल मंडल की संयुक्त मंडलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले चार वर्षों में कृषि निर्यात में भारी वृद्धि हुई है। कुल 56570 करोड़ रुपये के निर्यात प्रदेश से पिछले चार वर्षों में किया गया है। पहली बार 77 साल के इतिहास में लखनऊ का दशहरी आम अमेरिका को निर्यात किया गया। गोरखपुर से चना का बेसन सिंगापुर को निर्यात किया गया। जो उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर प्रस्तुत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों को अब किसी भी तरह से उर्वरकों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। प्रदेश के पास 24 लाख मिट्रिक टन उर्वरक क्षमता मौजूद है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो करोड़ 70 लाख किसान पंजीकृत हैं। समस्त किसानों को किसान सम्मान निधि से लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने बताया की प्रदेश में पिछले वर्षों में किसानों को सम्मान निधि के माध्यम से लगभग 73000 करोड़ से ज्यादा की धनराशि उनके खातों में भेजा गया है। इससे किसानों को आर्थिक मदद मिली है। वर्षा के जल संचयन के क्षेत्र में लगातार कार्य करने की जरूरत और वृक्षारोपण पर भी लगातार ध्यान देने पर कृषि मंत्री ने जोर दिया।

इसके पहले कृषि मंत्री ने विभिन्न विभागों जिसमें आईआईवीआर वाराणसी, ईरी वाराणसी, पशुपालन, एपीडा, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र, सहकारिता, मत्स्य तथा कृषि उत्पादन संगठन की ओर से लगायी गयी कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन किया । स्टाल पर भ्रमण कर उत्पादों की जानकारी ली। प्रमुख सचिव पशुपालन, दुग्ध विकास रविन्द्र कुमार ने पशुपालन विभाग की योजनाओं की जानकारी दी। आयुक्त ग्राम विकास गौरीशंकर प्रियदर्शी ने गोष्ठी में बताया कि मनरेगा योजना में कुल खर्च का 60 प्रतिशत कृषि क्षेत्र में खर्च करने का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि जल संरक्षण के लिए अमृत योजना में उत्तर प्रदेश लगातार प्रथम स्थान बनाये हुए है तथा अमृत योजना में जल संरक्षण के साथ ही ग्राम स्तर पर विभिन्न सांस्कृतिक क्रियाकलापों को भी जोड़ा गया है। इस अवसर पर वाराणसी परिक्षेत्र के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी मंडल में कुल क्षेत्र आच्छादन लगभग साढ़े तेरह लाख हेक्टेयर का है जिसमें खरीफ-2024 के अंतर्गत कुल 6.37 लाख हेक्टेयर है। जिसमें मुख्यतः धान, मक्का, बाजरा आदि शामिल है।

उन्होंने बताया की खरीफ-2024 के अंतर्गत कुल 78874 कुंतल बीज वितरण के सापेक्ष वर्तमान में लगभग 74000 कुंतल बीज की उपलब्धता हो चुकी है तथा अगले 15 दिन में बचे बीज की उपलब्धता तथा मिनी किट का वितरण सुनिश्चत कर लिया जायेगा। मंडलायुक्त ने कृषि मंत्री के समक्ष निर्यात बढ़ावा देने में किसानों के ट्रांसपोर्ट खर्च कम करने तथा पाली हॉउस पर भी व्यय खर्च पर सब्सिडी को और बढ़ावा देने की तरफ ध्यान आकर्षित किया।

गोष्ठी में विंध्याचल मंडल के कमिश्नर मुथु कुमार स्वामी ने मंडल में कृषि तथा संबंधित विभागों की विभिन्न योजनाओं तथा जनपद की प्रगति को कृषि मंत्री के समक्ष रखा। वाराणसी जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने गोष्ठी में आये हुआ सभी अतिथियों का स्वागत किया।

गोष्ठी में निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, निदेशक कृषि तथा एमडी बीज विकास निगम, ईरी वाराणसी के वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार ने भी आवश्यक जानकारी दी।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित