डॉ. रुक्मणी जायसवाल ने शिव स्तुति से कथक नृत्य कर किया भाव विभोर
वाराणसी, 13 अगस्त (हि.स.)। संस्कार भारती विश्वविद्यालय इकाई एवं महिला महाविद्यालय, बीएचयू के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार अपराह्न महाविद्यालय के प्रेक्षागृह में नृत्यांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आगाज शिव स्तुति से हुआ। डॉ. रुक्मणी जायसवाल ने शिव स्तुति से कथक नृत्य की शुरुआत की। उसके बाद तीन ताल में द्रुत लय और अंत में तबला और घुंघरू में जुगलबंदी की मनोहारी प्रस्तुति ने लोगों को मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में अमेरिका से आई डॉ. श्रुति वंदना शर्मा ने भरत नाट्यम की प्रस्तुति दी। जिसमें भावरंग की बंदिश माधव बेनु मधुगात तथा कवि जयदेव रचित अष्टपदी में से सखि रे केशिमथनमुदारम पर भावपूर्ण अभिनय किया। उन्होंने भावरंग द्वारा रचित राग हमीर में तराने पर भरतनाट्यम शैली में तिल्लाना प्रस्तुत किया। जिसमें राधा-कृष्ण के युगल भाव की प्रस्तुति ने सबको भावविभोर कर दिया। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व अध्यक्ष, संगीत एवं मंच कला संकाय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय प्रेमचंद होम्बल रहे। विशिष्ट अतिथि संस्कार भारती के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. रविंद्र भारती रहे। अतिथियों का स्वागत संस्कार भारती की अध्यक्षा प्रो. सरोज रानी, संचालन प्रो. लयलीना भट और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. ऋचा कुमार ने किया। कार्यक्रम में प्रो कल्पना गुप्ता, संस्कार भारती काशी प्रांत संगठन मंत्री दीपक शर्मा, सह महामंत्री डाॅ. सुनील कुमार सिंह कुशवाहा, डाॅ. अवधेश कुमार सिंह, ध्रुव पांडेय आदि की उपस्थिति रही।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / दिलीप शुक्ला