वैश्विक चुनौतियां एक अंतर-सांस्कृतिक मानसिकता की करती है मांग : प्रो.अमिताभ बंद्योपाध्याय

 


कानपुर,16 दिसम्बर(हि.स.)। वैश्विक चुनौतियां एक अंतर-सांस्कृतिक मानसिकता की मांग करती हैं। यह बात शनिवार को आईआईटी कानपुर में आयोजित एसआईआईसी कार्यशाला को संबोधित करते हुए स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के सह-प्रोफेसर प्रभारी प्रो. अमिताभ बंद्योपाध्याय ने कही।

उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्कृतियों में सोच के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि वैश्विक चुनौतियां एक अंतर-सांस्कृतिक मानसिकता की मांग करती हैं। विविध दृष्टिकोणों से विचारों को शामिल करके, हम प्रभावी और किफायती समाधान बना सकते हैं जो प्रत्येक विशिष्ट स्थान के लिए अनुकूलित हों । अद्वितीय चुनौतियों से निपटने और वैश्विक प्रगति को बढ़ावा देने की कुंजी सीमाओं से परे सोचने में निहित है।

उन्होंने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर की एक टीम सेरेस फील्ड चेक इनोवेटर्स कनेक्ट प्रोग्राम कॉहोर्ट 2 में विजेता बनकर उभरी। इसे जर्मन सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन (डीडब्ल्यूआईएच), एसआईआईसी, आईआईटीके के साथ-साथ सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर प्लेटफॉर्म (सी-सीएएमपी) और केआईआईटी टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर (केआईआईटी- टीबीआई) की साझेदारी में आयोजित किया गया था।

इस सहयोग का उद्देश्य भारत और जर्मनी में शुरुआती चरण के उद्यमियों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुविधाजनक बनाना है और जीवन विज्ञान, स्वास्थ्य तकनीक, डिजी-टेक, कृषि-तकनीक, स्थिरता, एयरोस्पेस और ऊर्जा सहित विभिन्न विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

इनोवेटर्स कनेक्ट टैंडेम प्रोग्राम बेंगलुरु, कानपुर और भुवनेश्वर में आयोजित दो सप्ताह की कार्यशाला और व्यावहारिक कार्यक्रम था, जहां दोनों देशों के इनोवेटर्स ने सहयोगात्मक रूप से विशिष्ट समस्या कथनों को संबोधित करने के लिए मिलकर काम किया।

सी-कैंप बेंगलुरु में आयोजित अंतिम पिचिंग सत्र में नौ टीमों ने सभी तीन इनक्यूबेटरों का प्रतिनिधित्व करते हुए अपनी पिचें प्रस्तुत कीं। इनमें आईआईटी कानपुर की चार टीमें शामिल थीं, जिनमें एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर में प्रशिक्षण प्राप्त सेरेस फील्डचेक, जिसका प्रतिनिधित्व पूजिता रेड्डी नेल्लीपुडी और आदर्श एम द्वारा किया गया, ने शीर्ष स्थान हासिल किया।

आईआईटी कानपुर में आयोजित एसआईआईसी कार्यशाला में प्रतिभागियों को आईआईटी कानपुर के संकाय सदस्यों ने मार्गदर्शन प्रदान किया, जिनमें प्रो. अमिताभ बंद्योपाध्याय, प्रो. अर्क वर्मा और प्रो. जिलेट सैम के साथ-साथ एसआईआईसी के संरक्षक सोमेश भगत, पलाश गुप्ता और स्नेहा गुप्ता शामिल थे।

अनुभवी स्टार्टअप संस्थापक जैसे फूल (Phool) के अंकित अग्रवाल, प्राइमरी हेल्थटेक के राहुल पटेल, लेनेक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के चिराग अग्रवाल, ग्लोरियस फाइटो लैब्स प्राइवेट लिमिटेड के धनबल कुमारसामी, बॉड रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड के दिशांत मिश्रा और नोवो अर्थ प्राइवेट लिमिटेड के सार्थक गुप्ता ने आदर्श कांत के साथ अंतिम दिन के कार्यक्रम में रणनीति बनाने में विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान किया। प्रशिक्षण सत्र में डिजाइन विचार, बाजार रणनीति, प्रभावी संचार, नेतृत्व कौशल, ब्रांडिंग, कानूनी और वित्तीय अनुपालन, आईपी और व्यापार नियम, टिकाऊ इंजीनियरिंग, मूल्य प्रस्ताव, डेटा संरक्षण और गोपनीयता, एफएमसीजी बाजार और चिकित्सा उपकरणों के लिए परियोजना योजना सहित विभिन्न विषयों को शामिल किया गया।

एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर की टीम से अनिमेष मिश्रा (प्रबंधक), वत्सला खरे (सहायक प्रबंधक), और उत्कर्ष छाबड़ा (सहायक प्रबंधक) ने इन उभरते उद्यमियों के विचारों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/मोहित