ढोल नगाड़ों के साथ हुई गणपति बप्पा की विदाई

 


जालौन, 14 सितम्बर (हि.स.)। शहर में विराजमान गणेश प्रतिमाओं को शनिवार को विसर्जित किया गया। तमाम प्रतिमाएं प्रशासन और यातायात पुलिस द्वारा निर्धारित किए गए रूट से गुजरी। जुलूस की शक्ल में चल रहे गणपति भक्त डीजे की धुन पर रंग गुलाल उड़ाते थिरकते नजर आए। सभी श्रद्धालु गणपति प्रतिमाएं लेकर चिल्ली के तालाब पहुंचे। वहां आरती करने के बाद नम आंखों के साथ गजानन की प्रतिमाओं का विसर्जन किया। इस दौरान कई श्रद्धालु फफक कर रो पड़े।

शहर में दर्जन भर से ज्यादा गणपति प्रतिमाओं के पंडाल स्थापित किए गए थे। यहां कई दिनों प्रतिदिन गणेश प्रतिमाओं को सजाते हुए झांकियों का प्रदर्शन किया गया। भक्त शाम के समय भ्रमण करते हुए शहर में विराजमान दर्जन भर से ज्यादा गणपति प्रतिमाओं का दर्शन किया। इतने दिनों तक गणपति की सेवा करने के बाद जब शनिवार को विसर्जन का समय आया तो पंडाल स्थापित करने वालों का मन बोझिल हो गया। पूर्व निर्धारित तिथि के मुताबिक गणेश भवन में स्थापित गणेश प्रतिमा समेत दर्जन भर से अधिक गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन करने के लिए तैयारियां की गई। पुलिस ने विसर्जन को लेकर जहां रूपरेखा तैयार की थी, वहीं यातायात पुलिस ने भी रूट डायवर्जन किया था।

शनिवार को दोपहर 12 बजे से गणपति प्रतिमाओं का जुलूस शहर में घूमा। जुलूस में डीजे के साथ ही भांगड़ा ढोल भी साथ चल रहा था। डीजे की धमक और भांगड़ा बोल की धुन पर थिरकते हुए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु निर्धारित रास्तों से होते हुए चिल्ली के तालाब पहुंचे। इस दौरान जमकर गुलाल उड़ाया गया। चिल्ली तालाब पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं ने नाव के सहारे गणपति प्रतिमाओं का यमुना नदी के पहुंचकर विसर्जन किया। विसर्जन के पूर्व चिल्ली तालाब में गणपति प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना की गयी। अंतिम विदाई के समय तमाम गणपति भक्त विसर्जन करते हुए फफक कर रो पड़े। चिल्ली तालाब में मौजूद श्रद्धालुओं ने अगले बरस तू जल्दी आ, गणपति बप्पा मोरया का गगनभेदी जयघोष भी लगाया।

हिन्दुस्थान समाचार / विशाल कुमार वर्मा