तनाव से मुक्ति का मार्ग है स्पर्श ध्यान : सतीश राय
प्रयागराज, 18 मार्च (हि.स.)। स्पर्श ध्यान एक विश्राम पाने की प्रक्रिया है। इस के माध्यम से बिना औषधि खिलाए रोगों का स्वतः उपचार होता है। यदि बिना पैसा खर्च किये ऐसा है तो इसे अपनाने की जरूरत है। स्पर्श ध्यान करने से हमारे शरीर के सात प्रमुख चक्र जैसे सहस्रार चक्र, आज्ञा चक्र, कंठ चक्र, हृदय चक्र, मणिपुर चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र एवं मूलाधार चक्र मजबूत होता है।
यह बातें एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान की ओर से प्रयागराज रेकी सेंटर पर आयोजित स्पर्श ध्यान के निःशुल्क कार्यक्रम में जाने-माने स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने कही।
उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में आगे बढ़ने की लालसा के चलते आज तनाव के टेंशन से हर कोई जूझ रहा है। चाहे बच्चों को पढ़ाई का टेंशन हो या बड़ों को ऑफिस का। इनसे बचने के लिए कुछ क्षण आराम करना अच्छा होता है। ऐसे में स्पर्श ध्यान के माध्यम से शरीर को रिलैक्स कर सकते हैं। स्पर्श चिकित्सा पद्धति में स्पर्श ध्यान के माध्यम से दिमाग को शांत करने की एक क्रिया है, जो कभी भी कहीं भी बड़ी सरलता से किया जा सकता है। स्पर्श ध्यान से शरीर की आंतरिक क्रियाओं में विशेष परिवर्तन होता है। शरीर के प्रत्येक अंगों में शुद्ध प्राण ऊर्जा भर जाती है जो अंगों को स्वस्थ करती है।
सतीश राय ने कहा कि स्पर्श चिकित्सा पद्धति में स्पर्श ध्यान एक योग क्रिया है, इससे बड़ी आसानी से सीखा जा सकता है। इसके नियमित अभ्यास से मन शांत होता है, तनाव से मुक्ति मिलती है, बेचैनी कम होती है, आत्मविश्वास को बढ़ाता है, एकाग्रता बढ़ती है, माइग्रेन, ब्लड प्रेशर, कमजोरी, अनिद्रा, जोड़ों के दर्द में लाभ होता है। इसके अभ्यास से कोई नुकसान नहीं होता बल्कि दिमाग और मन एकाग्र होता है।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/बृजनंदन