हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट से पूर्व मंत्री हाथी के हो सकते हैं महावत
हमीरपुर, 06 अप्रैल (हि.स.)। हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट से पूर्व मंत्री चौधरी ध्रूराम लोधी इस बार बसपा के हाथी के महावत हो सकते हैं। पार्टी में इनके नाम को लेकर मंथन जारी है। यहां की सीट से टिकट लेने की दौड़ में पूर्व विधानसभा प्रत्याशी का भी नाम भी खासा चर्चा में है, लेकिन लोधी बिरादरी में मजबूत पकड़ होने के कारण पूर्व मंत्री पर पार्टी बड़ा फैसला ले सकती है।
हमीरपुर जिले के राठ कस्बे के रहने वाले चौधरी ध्रूराम लोधी वर्ष 1993 में राजनीति पर आए थे। इन्होंने बसपा में इन्ट्री लेकर विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक बने थे। वर्ष 2002 में चौधरी ध्रूराम लोधी को राठ विधानसभा की सीट के लिए बसपा ने फिर उम्मीदवार बनाया था। उन्हें 42601 मत मिले थे। ये वर्ष 2007 तक लगातार इस क्षेत्र से विधायक रहे है। मायावती की सरकार में इन्हें राज्यमंत्री बनाया गया था। मंत्री बनने के बाद इन्होंने हमीरपुर में मौदहा बांध डिपार्टमेंट के अधिकारी के खिलाफ अनियमित्ताएं करने पर बड़ी कार्रवाई कराई थी। जिले की राठ विधानसभा की सीट सुरक्षित है, जहां से सर्वाधिक विधायक लोधी बिरादरी के लोग ही हुए हैं। किसी जमाने में यहां की सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन क्षेत्रीय दलों के जातीय राजनीति करने पर इस विधानसभा क्षेत्र से बसपा ने दो बार बंपर वोटों से जीत दर्ज कराई है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा और सपा को नुकसान पहुंचाने वाले प्रत्याशियों पर दांव लगाने की तैयारी शीर्ष स्तर पर की जा रही है। इसमें चौधरी ध्रूराम लोधी ऐसे नेता है जो कभी मायावती की सरकार में मंत्री रहे है। ये एक बार लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। वहीं पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रामफूल निषाद भी यहां की सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इनकी निषाद बिरादरी में बड़ी मजबूत पकड़ है जबकि लोधी बिरादरी में चौधरी ध्रूराम लोधी कहीं से पीछे नहीं है। इन दोनों में किसी के चुनाव मैदान में आने से भाजपा और सपा को तगड़ा झटका लग सकता है।
पहली बार सांसद बनाने के लिए मायावती ने पूर्व मंत्री पर लगाया था दांव
पूर्व मंत्री चौधरी ध्रूराम लोधी दो बार विधायक रहे है। इन्होंने सांसद बनने के लिए हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था। वर्ष 1998 में लोकसभा के चुनाव में बसपा ने चौधरी ध्रूराम लोधी को प्रत्याशी बनाया था। लेकिन भाजपा प्रत्याशी गंगाचरण राजपूत से इन्हें पराजय का सामना देखना पड़ा था। चुनाव मैदान में सजातीय उम्मीदवार भाजपा प्रत्याशी को 35 फीसदी से ज्यादा मत मिले थे, जबकि बसपा प्रत्याशी ने 25.58 फीसदी मत झटके थे। ये तीसरे स्थान पर रहे। राठ क्षेत्र में सर्वाधिक 17 फीसदी लोधी बिरादरी के मतदाता है। जो चुनाव में दिग्गजों के समीकरण बना बिगाड़ सकते हैं।
बारहवें लोकसभा चुनाव में चौधरी ध्रूराम लोधी बसपा के हाथी के बने थे महावत
बारहवें लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी चौधरी ध्रूराम लोधी भाजपा प्रत्याशी गंगाचरण राजपूत को कड़ी टक्कर दी थी। इन्होंने चुनाव को त्रिकोणीय बनाया था। हालांकि यहां की सीट पर भाजपा का कमल खिला था, जबकि 31.86 फीसदी मत लेकर सपा दूसरे स्थान पर रही। चौधरी ध्रूराम लोधी भले ही चुनाव हारे लेकिन उन्होंने बसपा के वोटों का ग्राफ चार फीसदी के करीब बढ़ाकर कांग्रेस का बंटाधार कर दिया था। बसपा का लगातार जनाधार बढ़ने के कारण वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा तीसरे स्थान पर चली गई, जबकि यहां की सीट पर पहली बार बसपा ने जीत का परचम फहराया था।
हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/राजेश