लोक ही शास्त्र का प्रतिनिधित्व करता है : मनोज भावुक

 




- ‘लोक कविता का देशरंग’ विषयक कार्यक्रम में भोजपुरी के देशभक्ति भरे गीतों पर चर्चा

वाराणसी, 01 दिसम्बर (हि.स.)। लोकभाषा में कविता रचने वाले कवियों के काव्य में प्रतिरोध का स्वर इतना तीखा था कि साम्राज्यवादी शासकों ने उन्हें जेल की लम्बी सजा दे दी। रघुवीर नारायण का बटोहिया गीत और प्रिंसिपल मनोरंजन प्रसाद सिन्हा का फिरगिंया गीत, लोक में राष्ट्र की चेतना को प्रदर्शित करता है। फिरगिंया गीत पर सिन्हा को जेल हुई। गुन्जेश्वरी मिश्र ‘सुजश’ का लुटेरवा गीत सहित इन तीनों गीतों ने स्वन्तत्रता आन्दोलन की अलख जगा दी। ये उद्गार है भोजपुरी के जाने माने कवि और फिल्म समीक्षक मनोज भावुक के हैं। मनोज भावुक शुक्रवार को भारत अध्ययन केन्द्र, बीएचयू की ओर से आयोजित व्याख्यान-सह-काव्यपाठ ‘लोक कविता का देशरंग’ विषयक कार्यक्रम को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे।

मनोज भावुक ने कहा कि लोक ही शास्त्र का प्रतिनिधित्व करता है। ‘जहां हेरैलै बानी बड़ बड़ ज्ञानी उहे देशवा हमार देशवा’, ‘उम्र के धूप चढ़ल धूप सहाती नईखे, हमरा हमराही के ईबात बुझाती नईखे’ जैसी कविताएं सुनाकर मनोज ने श्रोताओं को भोजपुरी के रंग से सराबोर कर दिया।

हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के आचार्य प्रो. नीरज खरे ने कहा कि पूंजीवाद के लालच रूपी सैलाब में सब बह जाते हैं लेकिन लोक जीवित रहता है। बुन्देलखण्ड के जगनिक ने आल्हखण्ड ‘आल्हा’ की रचना की आल्हा और ऊदल के चरित्र से आज भी लोग देश भक्ति की प्रेरणा प्राप्त करते हैं। प्रो. प्रभाकर सिंह ने कहा कि यह अवधी भाषा ही है जिसमें मानस तथा पद्मावत जैसे कालजयी रचनाएं प्रदान कीं जो भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष, हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रो. वशिष्ठ अनूप ने कहा कि आज के युवा कवियों को रघुवीर नारायण से प्रेरणा लेकर काव्य रचना करनी चाहिए। जिन्होंने भोजपुरी का पहला राष्ट्रगीत ‘सुन्दर सुभूमि भईया भारत के देशवा, मोरा मन बसे हिमखोह रे बटोहिया’ लिखा। ऐसा नही है कि भोजपुरी कविता में अब लेखन नहीं हो रहे। आज के तारीख में गाजीपुर के तारकेश्वर मिश्र राही का लवकुश खण्डकाव्य भी अपने में विशिष्टता समाये हुए हैं। कार्यक्रम में स्वागत भाषण डाॅ. ज्ञानेन्द्र नारायण राय,संचालन डाॅ. अमित कुमार पाण्डेय, धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. अनूप पति तिवारी ने किया।

कार्यक्रम में डाॅ. अशोक कुमार ज्योति, डाॅ. महेन्द्र प्रसाद कुशवाहा, डाॅ. प्रियंका सोनकर, सोनी शर्मा, वंशिका राय तथा शुभम तिवारी सहित विभिन्न विभागों के छात्र उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/प्रभात