आईआईटी की पुष्प प्रदर्शनी में प्रो. प्रदीप को मिला प्रथम पुरस्कार
कानपुर, 19 फरवरी (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) परिसर में प्राकृतिक सुंदरता को सदैव बढ़ावा दे रहा है। इसी के तहत हर वर्ष बसंत आगमन पर पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन होता है और इस बार प्रथम पुरस्कार प्रो. प्रदीप स्वर्णकार के नाम रहा।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर ने संस्थान में सोमवार को पुष्प प्रदर्शनी की मेजबानी की, जो प्रकृति की सुंदरता का एक रमणीय प्रदर्शन रहा। यह प्रदर्शनी प्रत्येक वर्ष बसंत के आगमन का जश्न मनाने के लिए आयोजित की जाती है। आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर एस गणेश ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। पुष्प प्रदर्शनी दो वर्गों में आयोजित की गई थी। पहली श्रेणी संस्थान के घरों के लिए, और दूसरी श्रेणी छात्रावासों, निदेशक के निवास और अतिथि गृह में वर्गीकृत थी।
प्रथम श्रेणी में लगभग 800 गमले लगाये गये जिसमें प्रथम पुरस्कार मकान नं. 434 के प्रो. प्रदीप स्वर्णकार को, द्वितीय पुरस्कार मकान नं. 625 की प्रो. नंदिनी नीलकंठन और तृतीय पुरस्कार मकान नं. 443 के प्रो. जे.जी.राव को दिया गया। दूसरी श्रेणी में विभिन्न श्रेणियों में 1700 से अधिक गमले लगाए गए, जिसमें डायरेक्टर रेजिडेंस को प्रथम स्थान, हॉल 12 को द्वितीय स्थान तथा हॉल 3 को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
संस्थान द्वारा आयोजित पुष्प प्रदर्शनी में विजेताओं का फैसला चन्द्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के सेवानिवृत्त प्रोफेसरों ने की। संस्थान की नर्सरी में कल्पवृक्ष, कपूर, चंदन, रुद्राक्ष और विक्षा के पौधे हैं और इसके हर्बल गार्डन में सर्पगंधा, सतावर, कर्परी तुलसी और डेमवेल हैं। इस प्रदर्शनी में वनस्पतियों की एक विविध शृंखला प्रदर्शित की गई, जिसमें लगभग 120 प्रजातियों के फूल, हरे पत्तेदार पौधे, कटे हुए फूल, सब्जियाँ और फल शामिल रहे। पैंसी, रानुनकुलस, लेडीबर्ड, डॉग फ्लावर, प्रिमुला, साइक्लेमेन और नेमेसिया आगंतुकों के बीच मुख्य आकर्षण थे। प्रदर्शनी के साथ-साथ, आईआईटी कानपुर में महिला संघ ने एक मेले का आयोजन किया जिसमें कठपुतली शो, खाद्य स्टॉल, कला प्रतियोगिता और बच्चों के लिए मजेदार गतिविधियां शामिल थीं। मेले में परिसरवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस प्रदर्शनी ने परिसरवासियों के बीच प्रकृति और बागवानी के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने में संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाया।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/सियाराम