प्रथम चरण : सपा, बसपा व रालोद साथ में, फिर भी भाजपा ने मुस्लिम बहुल सीटों पर हासिल की थी जीत

 


लखनऊ, 10 मार्च (हि.स.)। 2019 में पहले चरण में उप्र के आठ लोकसभा सीटों पर चुनाव हुए थे। उनमें सात सीटें ऐसी थीं, जहां पर 25 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम मतदाता रहे। इसके बावजूद भाजपा को छह लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी। यह जीत सपा, रालोद और बसपा के गठबंधन होने के बाद थी। अब सपा और बसपा साथ नहीं हैं। रालोद भाजपा के साथ है। कांग्रेस का सपा के साथ गठबंधन है।

2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मुजफ्फरनगर, कैराना, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, बागपत, गाजियाबाद में जीत दर्ज की थी। वहीं बिजनौर और सहारनपुर में बसपा के उम्मीदवारों ने विजय हासिल की। मुजफ्फरनगर में मुस्लिम मतदाताओं का प्रतिशत 41.30 है। इसके बावजूद मुजफ्फरनगर में भाजपा उम्मीदवार ने विजय हासिल की। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संजीव कुमार बाल्यान ने 5,73,780 मत पाये थे। यह कुल पड़े मत का 49.46 प्रतिशत था। दूसरे स्थान पर राष्ट्रीय लोक दल के अजीत सिंह के थे। इनको 5,67,254 मत मिले थे अर्थात कुल पड़े मत का 48.96 प्रतिशत था। संजीव बाल्यान ने 6,526 मतों से अजीत सिंह को परास्त किया था। वहीं 43.04 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले बिजनौर में बसपा के मलूक नागर ने भाजपा के राजा भारतेन्द्र सिंह को 69941 मतों से परास्त किया था।

सहारनपुर में भी बसपा ने जीत दर्ज किया था। वहां पर मुस्लिम मतदाताओं का प्रतिशत - 41.95 है। वहां पर बहुजन समाज पार्टी के हाजी फजलुर रहमान ने 5,14,139 मत पाकर भाजपा के राघव लखनपाल को 22,417 मतों से हरा दिया था। राघव लखनपाल को 4,91,722 मत मिले थे। वहीं इमरान मसूद कांग्रेस के उम्मीदवार थे, जो 2,07,068 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे।

कैराना में मुस्लिम आबादी 35 प्रतिशत है। यहां पर भाजपा के प्रदीप कुमार ने समाजवादी पार्टी के तबस्सुम बेगम को 92,160 मत से हराया था। प्रदीप कुमार को जहां 566961 मत मिले थे। वहीं मसहुर शायर मुनव्वर हसन की बेगम तब्बसुम को 4,74,801 मत मिले थे। वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार हरेन्द्र सिंह मलिक को 69,355 वोट मिले थे। 3542 मतदाताओं ने नोटा का बटन भी दबाया था। इस लोकसभा सीट पर 2014 में भाजपा के हुकुम सिंह ने विजय हासिल की थी।

मेरठ में भाजपा के जीत का अंतर था कम

मेरठ में मुस्लिम आबादी 34.43 प्रतिशत है। इसके बावजूद 2009 से ही भाजपा वहां विजय हासिल कर रही है। 2004 में बसपा के मो. शाहिद ने जीता था। इसके बाद से तीन लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार विजय पताका लहराया। हालांकि 2019 में भाजपा के राजेन्द्र अग्रवाल के विजय का अंतर अपने प्रतिद्वदी हाजी मो. याकूब से बहुत कम था। उन्होंने याकूब को 4,729 वोटों से हराया था। राजेन्द्र अग्रवाल को जहां 5,86,184 मत मिले थे। वहीं 5,81,455 मत याकूब ने पाया था, जबकि कांग्रेस के हरेन्द्र अग्रवाल को 34,779 मत मिले थे। नोटा पर भी 6316 मतदाताओं ने बटन दबाया था।

गौतमबुध्दनगर में भी भाजपा की जीत थी शानदार

वहीं गौतमबुद्धनगर से भाजपा के महेश शर्मा ने तो रिकार्ड कायम कर दिया था। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के सतवीर को 3,36,922 मतों से परास्त किया था। महेश शर्मा को जहां 8,30,812 मत मिले थे। वहीं सतवीर को 4,43,890 मत मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद चौहान को 42,077 मत मिले थे।

गाजियाबाद में भाजपा उम्मीदवार ने पांच लाख मतों से जीत दर्ज की थी

बागपत में भी मुस्लिम आबादी 25 प्रतिशत के आसपास है। वहां भी भाजपा के डा. सत्यपाल सिंह ने रालोद के जयंत चौधरी को 23502 मतों से हराया था। सत्यपाल को 5,25,789 मत मिले थे। वहीं रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत 5,02,287 मत पाकर हार गये थे। गाजियाबाद में भाजपा के विजय कुमार सिंह ने समाजवादी पार्टी को 5,01,500 मतों से हराया था। विजय कुमार सिंह को 9,44,503 मत पाये थे। वहीं समाजवादी पार्टी के सुरेश बंसल को 4,43,003 मत मिले थे। वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार डोली शर्मा ने 1,11,944 मत मिले थे।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/बृजनंदन