काशी तमिल संगमम के दूसरे संस्करण में भाग लेने के लिए तमिलनाडु से पहला जत्था रवाना

 




- पहले जत्थे में शामिल हैं विद्यार्थी, काशी में होगा भव्य स्वागत

वाराणसी, 15 दिसम्बर (हि.स.)। काशी तमिल संगमम के दूसरे संस्करण में शामिल होने के लिए तमिलनाडु से पहला जत्था ट्रेन से काशी के लिए रवाना हो गया है। पहले जत्थे में तमिल विद्यार्थी शामिल हैं। तमिलनाडु के राज्यपाल ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर काशी के लिए रवाना किया। प्रशासनिक अफसरों के अनुसार काशी तमिल संगमम के दूसरे चरण में सात समूहों के 1400 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। सम्मेलन में शामिल होने के लिए 8 दिसंबर तक कुल 42,000 रजिस्ट्रेशन हुए थे जिसमें चयन समिति की ओर से प्रत्येक समूह के लिए 205 लोगों का चयन किया गया। इस आयोजन में शिक्षा मंत्रालय के अलावा आईआरसीटीसी, रेलवे, पर्यटन, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण (ओडीओपी), एमएसएमई, सूचना और प्रसारण, एसडी एंड ई और उत्तर प्रदेश सरकार के संबंधित विभागों सहित संस्कृति मंत्रालय की भागीदारी है। पहले चरण से मिली सीख का लाभ उठाने और अनुसंधान के लिए उनकी प्रतिष्ठा को देखते हुए, आईआईटी मद्रास तमिलनाडु और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में काम करेगा। काशी तमिल संगमम का दूसरा चरण 30 दिसंबर 2023 तक चलेगा। इसके पहले विगत वर्ष 16 नवंबर से 16 दिसंबर 2022 तक काशी तमिल संगमम के पहले चरण का आयोजन किया गया था। तमिल पंचांग के अनुसार मार्गली (मार्गशीर्ष) महीने में आयोजित काशी तमिल संगमम-2 में तमिलनाडु और पुडुचेरी के लगभग 1500 लोग आठ दिन की यात्रा करेंगे। काशी के साथ ही वे अयोध्या और प्रयागराज भी जाएंगे। इसके लिए सात समूहों में 200 लोगों को शामिल किया गया है। इसमें छात्र, शिक्षक, किसान व कारीगर, व्यापारी व व्यवसायी, लेखक और पेशेवर शामिल होंगे। प्रत्येक समूह का नाम एक पवित्र नदी (गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, नर्मदा, गोदावरी और कावेरी) के नाम पर रखा जाएगा। शिक्षा मंत्रालय इस कार्यक्रम के लिए नोडल मंत्रालय है। तमिलनाडु और काशी की कला और संस्कृति, हथकरघा, हस्तशिल्प, व्यंजन और अन्य विशेष उत्पादों का प्रदर्शन करने वाले स्टॉल इस समागम को जीवंत बना रहे हैं। समागम के दौरान होने वाले सांस्कृतिक महोत्सव से दो संस्कृतियों का मिलन होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर/प्रभात