कृषि निवेश क्रय कर प्रिंट रसीद अवश्य ले किसान : उपकृषि निदेशक
मीरजापुर, 06 मार्च (हि.स.)। राजकीय कृषि बीज भंडारों से वितरित होने वाले बीज व जिप्सम पर किसानों को एटसोर्स अनुदान मिलेगा। बुधवार को कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इसका शुभारंभ किया। कार्यक्रम का सजीव प्रसारण राजकीय कृषि बीज भंडारों पर किया गया।
उप कृषि निदेशक विकेश पटेल ने बताया कि पहले राजकीय कृषि बीज भंडार से बीज एवं अन्य कृषि निवेश क्रय करने पर किसान द्वारा कृषि निवेश का पूरा मूल्य जमा किया जाता था। इसके बाद अनुदान डीबीटी से किसान को प्राप्त होता था। वर्तमान व्यवस्था में अब किसान को अपने पंजीकरण एवं आधार कार्ड के साथ राजकीय कृषि बीज भंडार पर पीओएस मशीन से आधार अथेंटिकेशन के पश्चात योजना में अनुमन्य अनुदान की कटौती के बाद अवशेष धनराशि (कृषक अंश) जमा करना होगा। कृषक अंश की धनराशि का भुगतान डिजिटल माध्यम से भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसान कृषि निवेश क्रय करने के पश्चात पीओएस मशीन से प्रिंट रसीद अवश्य प्राप्त कर लें।
पोषक तत्व प्रबंधन में मुख्य भूमिका निभाते हैं जिप्सम
खेती के लिए देश के किसान सामान्य तौर पर नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम का उपयोग करते है पर किसान खेत के लिए जरूरी कैल्शियम एवं सल्फर का उपयोग नहीं करते। इसके कारण खेत में कैल्शियम और सल्फर की कमी हो रही है। कैल्शियम एवं सल्फर संतुलित पोषक तत्व प्रबंधन के लिए मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसकी कमी की पूर्ति के लिए जिप्सम एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है।
खेत में जिप्सम डालने के फायदे
जिप्सम कैल्शियम और सल्फर की कमी को पूरा करने में मदद करता है। साथ ही फसलों में जड़ों की सामान्य वृद्धि और विकास में सहायक होता है। जिप्सम का उपयोग फसल संरक्षण में भी किया जा सकता है, क्योंकि इसमें सल्फर उचित मात्रा में होता है। तिलहनी फसलों में जिप्सम डालने से सल्फर की पूर्ति होती है, जो बीज उत्पादन तथा पौधे व तेल से आने वाली विशेष गंध के लिए मुख्य रुप से उपयोगी है। जिप्सम देने से मिट्टी में पोषक तत्वों खासकर नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम तथा सल्फर की उपलब्धता में वृद्धि हो जाती है। जिप्सम मिट्टी में कठोर परत बनने को रोकता है तथा मृदा में जल प्रवेश को बढ़ाता है।
हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/राजेश