किसान अन्नदाता तो महिलाएं अन्नपूर्णा : न्यायमूर्ति रानी ठाकुर
प्रयागराज, 12 मार्च (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में राजर्षि टंडन सेवा केंद्र बैंक रोड पर मातृशक्ति सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर ने कहा कि यदि किसान अन्नदेवता है तो महिलायें अन्नपूर्णा हैं। उन्हें समाज में अपना महत्व बनाये रखना है। क्योंकि उनके ऊपर माँ, बहन, बेटी के रूप मे संस्कार युक्त शिक्षित समाज बनाये रखने की जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति ने समाज में महिलाओं के क्षेत्र में कार्य करने वाली रोल मॉडल पांच महिलाओं सहित पांच पुरूषों को समाज के उत्थान मे सहयोग करने के लिए सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि महिलायें परिवार से लेकर चांद तक का सफर कर रही हैं। उन्हें अपना इमेज़ बनाये रखना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लोकसेवक मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चोपड़ा ने कहा कि बिना मातृशक्तियों के पुरुष समाज अधूरा है। कार्यक्रम का संचालन लोकसेवक मंडल के सचिव ब्रह्मप्रकाश एवं स्वागत भाषण सामाजिक एकता परिषद के अध्यक्ष ओमप्रकाश शुक्ल ने किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। स्वागत गीत एनजीआईटी के निदेशक जावेद सिद्दकी ने अपने शायरी से किया। वरिष्ठ समाजसेवी एवं कर्मचारी नेता रविशंकर मिश्र ने बताया कि कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष राठी, डॉ रमा सिंह, डॉ अर्चना सिंह, डॉ स्वीटी मौर्य, वरिष्ठ सभासद अन्नु घिल्डियाल, शिवसेवक सिंह, कमलेश, वरिष्ठ समाजसेवी नागेंद्र सिंह, डॉ सुनील बिझाला, कान्ता चोपड़ा, प्रेमलता शुक्ला, प्रीति रानी दूबे, रीता आजमानी, अमिता कुशवाहा, अनुराधा, मधू, किरन मिश्रा, निशा गुप्ता आदि सैकड़ों महिला एवं पुरुष उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/बृजनंदन