गणपति बप्पा को अंतिम दिन अश्रुपूरित आंखों से दी विदाई,अगले बरस का दिया निमंत्रण
कानपुर, 17 सितम्बर (हि.स.)। गणेश चतुर्दशी के दिन मंगलवार को विघ्नहर्ता भगवान गणेश की स्थापित मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए सुबह से गंगा के सभी घाटों पर भक्तों भीड़ लगी हुई हैं। सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि उनको विदा करते समय भक्तों और श्रद्धालुओं की आंखें खुशी से नम हो गई।
गणपति महोत्सव पंडाल में पूरा माहौल गणपति बप्पा मोरया..., अगले बरस तू जल्दी आ... के जयकारों से गूंज उठा हर तरफ अबीर गुलाल उड़ता दिखाई दिया। गंगा नदी में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रतिमाओं का विसर्जन किया। गणेश चतुर्थी पर लोगों ने घरों, पंडाल और मंदिरों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की थी। इस दौरान भक्तों ने भगवान गणेश की सेवा कर उनकी पूजा-अर्चना की। विशेष आरती में बड़ी संख्या में लोगों ने भगवान गणेश का आशीर्वाद लिया विशेष आरती के बाद मूर्तियों को नदी में प्रवाहित किया गया। दोपहर बाद जगह-जगह शोभा यात्रा निकाली गई। डीजे की धुनों पर भक्त जमकर झूमे। भक्तों ने जमकर अबीर गुलाल खेला। पूरा माहौल भगवान गणेश के रंग में रंगा नजर आया। गणेश महोत्सव के अंतिम दिन शहर के कई छोटे पान्डालों और घरों से गणपति बप्पा को विदा किया गया।
नगर के लगभग आठ कृत्रिम तालाबों के अलावा कुछ भक्त कस्बाई क्षेत्रों में गणपति बप्पा मोरिया..के घोष गूंजते रहे। श्रद्धालुओं ने गणेश महोत्सव के उपलक्ष्य में बैंड बाजा व आकर्षक झांकियों के साथ शोभायात्रा निकाली। निर्धारित मार्ग पर भ्रमण के बाद गणेश प्रतिमाओं का कृत्रिम तालाबों और गंगा के घाटों में विसर्जन किया गया। सड़कों पर सैकड़ों जुलूस निकले, जहां लोगों ने ढोल बजाकर, नाच-गाकर और भजन गाकर गणेश विसर्जन का आनंद लिया। भक्त रंग-गुलाल खेलते और मौज-मस्ती करते भी देखे गए। नगर के घाटों में लगभग 1500 से अधिक गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल