रोजगार प्राप्त करने में कौशल विकास की शिक्षा मददगार : प्रो. सीडी सिंह

 


--स्टार्टअप की तरफ बढ़ रहे हैं प्रतिभाशाली युवा : जिलाधिकारी

--मुक्त विवि में उद्यम अभिमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन

प्रयागराज, 17 फरवरी (हि.स.)। शिक्षा विकास का आधार है। समय की मांग के अनुसार कौशल आधारित कोर्स चलाए जाएं। कौशल विकास की शिक्षा ग्रहण करने के बाद युवा रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। दक्षतापूर्ण कार्य के उपरांत ही रोजगार प्राप्त होगा। प्रदेश में आने वाले उद्यमी भी योग्यता के आधार पर रोजगार देंगे। ऐसे युवा तैयार करें, जिनकी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना हो।

उक्त विचार मुख्य वक्ता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ट्राइबल विश्वविद्यालय अमरकंटक, मध्य प्रदेश के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सीडी सिंह ने उत्तर प्रदेश शासन की पहल पर शनिवार को उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के सभागार में उद्यम अभिमुखीकरण कार्यक्रम में व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक दृष्टि से भारत बहुत सम्पन्न है। विशिष्ट कार्य करेंगे तभी पहचान बनेगी। उत्तर प्रदेश में पर्यटन में रोजगार की अपार सम्भावनाएं हैं। इस समय उत्तर प्रदेश में टूरिस्ट इंडस्ट्री सबसे बड़ी इंडस्ट्री के रूप में उभर रही है। उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन बढ़ने से रोजगार के भी विशेष अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा सशक्तिकरण का माध्यम है। आज आईसीटी का महत्त्व बढ़ता जा रहा है। हम डिजिटल युग में प्रवेश कर चुके हैं। इसलिए सावधानी अति आवश्यक है।

प्रोफेसर सिंह ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में उद्योगों को जीवित किया जा रहा है। जिसमें लघु, मध्यम तथा भारी उद्योग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विकास में सहभागी बनने के लिए उत्तर प्रदेश में कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। सरकार की इन योजनाओं का लाभ लाभान्वितों तक पहुंचाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का विकास तभी होगा जब यहां पूंजी लगेगी। उत्तर प्रदेश में विकास स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। जिसका एक प्रमुख कारण यहां कई हवाई अड्डों का निर्माण है। उद्योग लगने से प्रदेश खुशहाली की तरफ जाएगा। प्रदेश सरकार के पास युवाओं के लिए बहुत योजनाएं हैं। जिनका लाभ उन तक पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर प्रयास किए जाने चाहिए। इससे विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ेगा।

कार्यक्रम में शासन के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने कहा कि उद्यमशील तथा प्रतिभाशाली युवा स्टार्टअप की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। उन्हें हर प्रकार का सहयोग सरकार की तरफ से दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रोजगार के माध्यम बढ़ाने में स्टार्टअप की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत में एक लाख से अधिक स्टार्टअप उपलब्ध हैं। कई लोग जॉब छोड़ कर बिजनेस स्टार्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में उद्यम के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। तेजी से हो रहे विकास में युवाओं का योगदान जरूरी है।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी प्रोफेसर पी.के. पांडेय ने अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की। संचालन डॉ देवेश रंजन त्रिपाठी एवं धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक, अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी, छात्र एवं 12 क्षेत्रीय केन्द्रों से समन्वयकों एवं छात्र छात्राओं ने ऑनलाइन प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन पर कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने आयोजक मंडल को साधुवाद दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/आकाश